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बरेली। एससी/एसटी एक्ट को लेकर देश भर में हंगामा मचा हुआ है। 6 सितंबर को इसके विरोध में सवर्ण भारत बंद करने जा रहे हैं। लेकिन इससे पहले बरेली में एससी/एसटी एक्ट से जुड़ा एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें खुद भाजपा नेता ही फंस गए हैं। यहां कैंट थाने की बभिया चौकी इंचार्ज की तरफ से भाजपा नेता अनिल शर्मा समेत आठ लोगों पर सरकारी काम में बाधा, मारपीट और एससी/एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज कराया गया है।
क्या था मामला
नवीनगर गांव में जन्माष्टमी का आयोजन चल रहा था। इसी दौरान गांव के अनिल शर्मा अपने दो अन्य साथियों के साथ बाइक से चावल और चीनी लेने जा रहे थे। रास्ते में बभिया चौकी इंचार्ज सतपाल सिंह और सिपाही वीरपाल ने अनिल शर्मा की बाइक रोक ली और उनसे कागज दिखाने को कहा जिस पर भाजपा नेता और पुलिसकर्मियों में बहस हो गई। आरोप है कि चौकी इंचार्ज ने भाजपा नेता अनिल शर्मा से अभद्रता कर दी और सभी को पकड़ कर चौकी ले गए और शराब के नशे में पुलिस वालों ने भाजपा नेता से मारपीट की और 20 हजार रुपये छीन लिए। इसकी सूचना जब गांव वालों को हुई तो गांव के तमाम लोग चौकी पहुंच गए। भाजपा नेता के पकड़े जाने की सूचना पर भाजपा विधायक राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल भी चौकी पहुंच गए और भाजपा नेता को छुड़ा लिया। इसके बाद अफसरों से शिकायत करने पर दरोगा और सिपाही पर मारपीट और लूटपाट का मुकदमा दर्ज कैंट थाने में दर्ज किया गया।
भाजपा नेता पर भी दर्ज हुआ केस
वहीं इस मामले में पुलिस ने दरोगा सतपाल सिंह की ओर से अनिल शर्मा, प्रमोद शर्मा, उमेश शर्मा, इमरान, रामेश्वर, घनश्याम शर्मा, देवेंद्र, महेंद्र और एक अज्ञात के खिलाफ बलवा, मारपीट, सरकारी कार्य में बाधा, लोकरक्षक से अभद्रता और एससी/एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज कराया। माना जा रहा है कि पुलिस ने दबाव बनाने के लिए एससी/एसटी एक्ट का दांव खेला है।
Published on:
05 Sept 2018 01:31 pm
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