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बरेली से भगवतसरन को चुनाव मैदान में उतार सकती है सपा

locationबरेलीPublished: Aug 18, 2018 11:39:08 am

Submitted by:

suchita mishra

भगवत सरन को भी हाई कमान से इशारा मिल चुका है इस लिए उन्होंने विभिन्न मुद्दों पर केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार को घेरना शुरू कर दिया है।

bhagwat saran

बरेली से भगवतसरन को चुनाव मैदान में उतार सकती है सपा

बरेली। लोकसभा चुनाव 2019 के लिए सभी दल तैयारी में जुट गए हैं। भाजपा के मजबूत गढ़ माने जाने वाले बरेली लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी पूर्व मंत्री भगवत सरन गंगवार को चुनाव मैदान में उतार सकती है। कुर्मी बाहुल्य इस सीट पर भाजपा से कुर्मी बिरादरी के संतोष गंगवार सात बार चुनाव जीत चुके है इस लिए 2019 में होने वाले चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी जिले के एक अन्य बड़े कुर्मी नेता भगवत सरन गंगवार पर दांव लगाने की तैयारी में है। भगवत सरन को भी हाई कमान से इशारा मिल चुका है इस लिए उन्होंने विभिन्न मुद्दों पर केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार को घेरना शुरू कर दिया है।
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2009 में भी लड़े थे लोकसभा

भगवतसरन इसके पहले 2009 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे थे। इस चुनाव में भगवत और संतोष गंगवार दोनों को ही हार का सामना करना पड़ा था। 1989 से लगातार चुनाव जीतते आ रहे संतोष गंगवार को 2009 में पहली बार लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। जानकारों का कहना है कि भगवत के चुनाव मैदान में उतरने के कारण ही संतोष गंगवार को पहली बार चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। 2009 के चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी प्रवीण सिंह एरन को जीत मिली थी। 2009 में संतोष गंगवार 9,338 वोट से चुनाव हार गए थे इस चुनाव में भगवतसरन को 73,549 वोट मिले थे।
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15 अगस्त को हुई मुलाकात

भगवतसरन की मुलाकात 15 अगस्त को लखनऊ में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखलेश यादव से हुई थी जहाँ पर उनसे चुनाव की तैयारियों में जुटने के लिए कहा गया है। समाजवादी पार्टी गठबंधन में सीट बंटवारे का इन्तजार कर रही है। पीलीभीत या बरेली लोकसभा सीट में से किसी एक सीट पर भगवत को पार्टी चुनाव मैदान में उतारेगी क्योकि इन दोनों सीट पर कुर्मी मतदाताओं की अच्छी खासी तादात है।
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भगवत का राजनैतिक इतिहास

भगवतसरन नवाबगंज विधानसभा सीट से पांच बार विधायक चुने जा चुके है। राममंदिर लहर के दौरान हुए 1991 और 1993 में भगवतसरन गंगवार भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े और विधायक चुने गए।1996 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा जिसके बाद 2002 के चुनाव में वो कमल का साथ छोड़ कर साइकल पर सवार हो गए और उन्होंने 2002,2007 और 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में लगातार तीन बार जीत दर्ज की। अखिलेश सरकार में वो मंत्री भी बने। 2017 के चुनाव में बीजेपी लहर में वो चुनाव हार गए।
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कुर्मी बाहुल्य है सीट

बरेली लोकसभा सीट पर मुसलमान और कुर्मी मतदाताओं की निर्णायक भूमिका है। बरेली लोकसभा सीट पर कुर्मी मतदाताओं की संख्या क्रीं 3.50 लाख है। जो कि केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार की असली ताकत है। इस लिए समाजवादी पार्टी भी इस बार कुर्मी बिरादरी के भगवतसरन गंगवार पर दांव लगाने की तैयारी में है।
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