
bareilly hospital
बरेली। प्रदेश में विकास कार्यों को लेकर प्रदेश सरकार और समाजवादी पार्टी में विवाद होता रहता है। योजनाओं का श्रेय लेने के लिए दोनों पार्टियों के बीच होड़ मची रहती है। यूपी सरकार किसी कार्य का उद्घाटन करके अपना श्रेय लेती है तो सपा उसे अपने कार्यकाल की योजना बताती है। इन सबके बीच वास्तविक मुद्दे पीछे छूट जाते हैं जिसका नुकसान जनता को उठाना पड़ता है। बरेली का सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का हाल भी कुछ ऐसा ही है। अखिलेश सरकार में बनना शुरू हुआ 300 बेड का सुपर स्पेशलिटी अस्पताल अभी तक अधूरा है। 80 फीसदी निर्माण हो जाने के बावजूद भी ये अस्पताल अब तक अपने लोकार्पण की राह देख रहा है।
अखिलेश सरकार में शुरू हुआ काम
मानसिक अस्पताल की जमीन पर सपा सरकार में 2013 में 300 बेड के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का निर्माण कार्य शुरू हुआ था। अस्पताल के निर्माण कार्य की जिम्मेदारी राजकीय निर्माण निगम को दी गई है। अस्पताल का निर्माण कार्य दिसंबर 2015 में पूरा होना था लेकिन शुरू से ही परियोजना के लिए बजट रिलीज करने में देरी होती रही जिसके कारण अभी तक अस्पताल का निर्माण पूरा नहीं हो पाया है। इतना ही नहीं इस परियोजना की लागत 43 करोड़ से बढ़कर अब 73 करोड़ रूपये हो गई है।
अस्पताल शुरू हो तो जनता को मिले आराम
बरेली में इलाज के जिला अस्पताल में भारी भीड़ लगती है। मरीजों की सहूलियत के लिए इस अस्पताल का निर्माण कार्य शुरू कराया गया था लेकिन अभी तक अस्पताल का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है। इस अस्पताल के शुरू होने के बाद जिला अस्पताल का बोझ कम हो जाएगा। अस्पताल में ओपीडी शुरू करने की चर्चा समय समय पर होती रहती है लेकिन डॉक्टर और संसाधनों की कमी के कारण ओपीडी भी नहीं शुरू हो पा रही है। अफसरों की मानें तो बजट मिलने के बाद भी छह माह में अस्पताल का निर्माण कार्य पूरा हो पाएगा।
Published on:
17 Jul 2018 01:58 pm
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