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बरेली के इस नटवरलाल ने की 800 करोड़ की महाठगी, अब तक दर्ज हुईं 21 एफआईआर

शहर का कुख्यात महाठग कैनविज कंपनी का मालिक कन्हैया गुलाटी अब खुद कानून के जाल में बुरी तरह फंसता नजर आ रहा है। जिस शख्स ने सपनों, मुनाफे और सरकारी मंजूरी का झांसा देकर सैकड़ों लोगों की जिंदगी भर की कमाई लूटी, अब उसके खिलाफ पीड़ितों का गुस्सा फूट पड़ा है।

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ठग कन्हैया गुलाटी

बरेली। शहर का कुख्यात महाठग कैनविज कंपनी का मालिक कन्हैया गुलाटी अब खुद कानून के जाल में बुरी तरह फंसता नजर आ रहा है। जिस शख्स ने सपनों, मुनाफे और सरकारी मंजूरी का झांसा देकर सैकड़ों लोगों की जिंदगी भर की कमाई लूटी, अब उसके खिलाफ पीड़ितों का गुस्सा फूट पड़ा है। एक-एक कर ठगी के शिकार लोग सामने आ रहे हैं और मुकदमों की झड़ी लग चुकी है। महज डेढ़ महीने में ही दो दर्जन से ज्यादा मुकदमे दर्ज होना इस बात का सबूत है कि यह कोई छोटी ठगी नहीं, बल्कि संगठित महाघोटाला है।

कन्हैया गुलाटी ही नहीं, बल्कि उसकी पत्नी, बेटा और पूरा गिरोह अब पुलिस की रडार पर है। निवेश, बिटकॉइन, प्लॉट, स्टोर फ्रेंचाइजी ऐसा कोई लालच नहीं छोड़ा गया, जिसके जरिए लोगों को जाल में न फंसाया गया हो। हालत यह है कि पिछले डेढ़ महीने में कंपनी और उसके संचालकों के खिलाफ 21 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं। हालांकि अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई है, लेकिन पुलिस प्रशासन का दावा है कि शिकंजा कसता जा रहा है और जल्द ही बड़ी कार्रवाई होगी। एसएसपी अनुराग आर्य ने मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन कर दिया है। एसआईटी की कमान एसपी यातायात अकमल खान को सौंपी गई है, जबकि एएसपी शिवम आशुतोष जांच में सहयोग कर रहे हैं। आरोपियों के फरार होने की आशंका को देखते हुए लुकआउट नोटिस भी जारी कर दिया गया है।

बिटकॉइन के नाम पर लाखों की सेंध

नवादा शेखान निवासी फैसल उस्मान ने कन्हैया गुलाटी समेत तीन लोगों के खिलाफ 5 लाख 16 हजार रुपये की ठगी की रिपोर्ट दर्ज कराई है। आरोप है कि बिटकॉइन में निवेश के नाम पर रकम ली गई और फिर गायब हो गए। न मुनाफा मिला, न पैसा वापस। एसएसपी अनुराग आर्य ने साफ शब्दों में कहा है कि एसआईटी में काबिल और अनुभवी विवेचकों को लगाया गया है। आरोपियों की गिरफ्तारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। किसी भी कीमत पर उन्हें देश या विदेश भागने नहीं दिया जाएगा। एसपी अकमल खान और एएसपी शिवम आशुतोष ने सभी मामलों की गहन समीक्षा शुरू कर दी है।

करोड़ों लगाए, हाथ रहा खाली

बिथरी चैनपुर के निवेशक हरीश कुमार और उनके साथियों की कहानी और भी दर्दनाक है। उन्होंने आरोप लगाया कि कैनविज कंपनी ने उन्हें 51.75 लाख रुपये निवेश करने के लिए उकसाया। कन्हैया गुलाटी, राधिका गुलाटी, गौपाल गुलाटी, मधु गुलाटी और आशीष महाजन ने विलेज वैली कॉलोनी में प्लॉट और स्टोर बुकिंग पर हर महीने 5 प्रतिशत मुनाफे का लालच दिया। शुरुआत में थोड़े-बहुत पैसे देकर भरोसा जीता गया, लेकिन फरवरी आते-आते न मुनाफा मिला, न मूलधन। आरोप है कि कंपनी के मोबाइल ऐप में निवेश का पूरा रिकॉर्ड था, जिसे बाद में जानबूझकर मिटा दिया गया। एसएसपी से शिकायत के बाद बारादरी पुलिस ने मामला दर्ज किया।

सरकारी नक्शा पास का झांसा, करोड़ों हजम

शाहजहांपुर निवासी सुखविंदर सिंह ने आरोप लगाया कि कन्हैया गुलाटी, उसकी पत्नी राधिका, बेटे गौपाल और गिरोह ने सरकारी नक्शा पास और सरकारी स्वीकृत प्लॉट दिलाने का झूठा सपना दिखाकर करोड़ों रुपये ठग लिए। बरेली-लखनऊ हाईवे, बाजपुर (उत्तराखंड) और मथुरा में प्लॉट दिलाने का दावा किया गया। प्लॉट बुकिंग के नाम पर 25 हजार से 10 लाख रुपये तक अलग-अलग खातों में जमा कराए गए। स्टोर फ्रेंचाइजी के नाम पर भी मोटी रकम ऐंठी गई। जब पीड़ितों ने पैसा वापस मांगा तो उन्हें धमकियां दी गईं, मारपीट की कोशिश हुई और फिर आरोपी मोबाइल बंद कर फरार हो गए। इस मामले में भी बारादरी थाने में रिपोर्ट दर्ज है।