बरेली के करगैना गोटिया और प्रगति नगर क्षेत्रों में बिजली विभाग की गंभीर लापरवाही सामने आई है। यहां विभागीय नियमों को ताक पर रखकर सैकड़ों घरों को बिना खंभों के बिजली कनेक्शन दे दिए गए। 40 मीटर से अधिक दूरी पर खंभा लगाना अनिवार्य होने के बावजूद, कई स्थानों पर 100 से 200 मीटर दूर तक तार खींच दिए गए। इन तारों को लटकने से बचाने के लिए बांस और बल्लियों का सहारा लिया गया है, जिससे न केवल विभागीय नियमों की अनदेखी हुई है, बल्कि लोगों की जान भी जोखिम में डाली जा रही है।
बरेली। बरेली के करगैना गोटिया और प्रगति नगर क्षेत्रों में बिजली विभाग की गंभीर लापरवाही सामने आई है। यहां विभागीय नियमों को ताक पर रखकर सैकड़ों घरों को बिना खंभों के बिजली कनेक्शन दे दिए गए। 40 मीटर से अधिक दूरी पर खंभा लगाना अनिवार्य होने के बावजूद, कई स्थानों पर 100 से 200 मीटर दूर तक तार खींच दिए गए।
इन तारों को लटकने से बचाने के लिए बांस और बल्लियों का सहारा लिया गया है, जिससे न केवल विभागीय नियमों की अनदेखी हुई है, बल्कि लोगों की जान भी जोखिम में डाली जा रही है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि बिजली कनेक्शन लेने के लिए उनसे 5,000 से 10,000 रुपये तक की रकम ली गई। भुगतान करने के बावजूद उन्हें न तो उचित ढांचा मिला और न ही सुरक्षा। जिन गलियों में बिजली पोल तक नहीं लगाए गए, वहां भी लोगों के घरों में कनेक्शन और मीटर लगे हुए हैं।
करगैना गोटिया की एक गली में निरीक्षण के दौरान कम से कम आठ ऐसे घर मिले, जहां खंभे के बिना ही बिजली कनेक्शन दे दिए गए हैं। इन घरों की निकटतम खंभे से दूरी 50 मीटर से अधिक पाई गई। इस गली में सभी कनेक्शन बांस के सहारे टंगे हुए हैं। जब इस बारे में अधिकारियों से सवाल किए गए, तो कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला। मुख्य अभियंता से संपर्क करने पर उन्होंने टिप्पणी से इनकार कर दिया और अधीक्षण अभियंता से बात करने की सलाह दी।
जांच में यह भी सामने आया कि कुछ स्थानों पर बिजली विभाग ने नेटवर्क कंपनियों द्वारा अपने केबल्स के लिए लगाए गए खंभों का इस्तेमाल बिजली आपूर्ति के लिए कर लिया। इन पोल्स को बिजली विभाग द्वारा बिना अनुमति के इस्तेमाल में लाया गया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि विभागीय संसाधनों की कमी की पूर्ति गलत तरीकों से की जा रही है।
बिना खंभे के दिए गए कनेक्शनों में बिजली की लाइनें हवा में झूलती रहती हैं, जो अक्सर टूटकर गिर भी जाती हैं। कई जगहों पर लोगों ने खुद से बांस और बल्लियां लगाकर इन्हें थाम रखा है। यह अस्थायी समाधान जहां सुरक्षा मानकों की अनदेखी है, वहीं किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता है।
पूरे मामले पर अधीक्षण अभियंता ग्रामीण ज्ञानेंद्र सिंह ने कहा,
"मैं बयान देने के लिए अधिकृत नहीं हूं, लेकिन यदि इस प्रकार की शिकायतें हैं तो सभी कनेक्शनों की जांच कराई जाएगी।"
इस अनियमितता की शिकायत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर भी की गई है, जिसके बाद मध्यांचल विद्युत वितरण निगम ने स्थानीय अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा है।