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शादी में बरपा खूनी कहर: तलवारों से सुरेंद्र पाल की हत्या, गैंगस्टर एक्ट में दोषी पांच को उम्रकैद, फरार आरोपियों की होगी कुर्की

शेरगढ़ के बहुचर्चित सुरेंद्र पाल हत्याकांड में अदालत ने कड़ा रुख अपनाते हुए गैंगस्टर समेत पांच दोषियों को उम्रकैद की सजा सुना दी। कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि यह वारदात जमीन माफियाओं और अपराधियों की सोची-समझी साजिश थी। अदालत ने दोषियों पर कुल 2.75 लाख रुपये का जुर्माना भी ठोका है।

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बरेली। शेरगढ़ के बहुचर्चित सुरेंद्र पाल हत्याकांड में अदालत ने कड़ा रुख अपनाते हुए गैंगस्टर समेत पांच दोषियों को उम्रकैद की सजा सुना दी। कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि यह वारदात जमीन माफियाओं और अपराधियों की सोची-समझी साजिश थी। अदालत ने दोषियों पर कुल 2.75 लाख रुपये का जुर्माना भी ठोका है।

सजा सुनाए जाने के दौरान दो आरोपी रवि और संजीव कोर्ट में हाजिर नहीं हुए। इसे गंभीरता से लेते हुए कोर्ट ने दोनों की पत्रावलियां अलग कर दीं और पुलिस को सख्त आदेश दिया कि फरार आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जाए या वे स्वयं सरेंडर करें। उनकी मौजूदगी में ही सजा सुनाई जाएगी।

शादी समारोह में खूनी तांडव

अभियोजन पक्ष के अनुसार 19 मई 2021 को शेरगढ़ के मोहम्मदपुर गांव में दिल दहला देने वाली वारदात को अंजाम दिया गया। गांव निवासी सुरेंद्र पाल शाम करीब छह बजे एक शादी समारोह में शामिल होने पहुंचे थे। तभी जमीन विवाद की पुरानी रंजिश के चलते गांव के ही सुखदेव, वेद प्रकाश, रवि, संजीव, धर्मेंद्र, जितेंद्र और मुनेंद्र ने उन पर हमला बोल दिया। धारदार हथियारों और तलवारों से सुरेंद्र पाल पर ताबड़तोड़ वार किए गए। लहूलुहान हालत में उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस निर्मम हत्या से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई थी।

भतीजे की तहरीर से खुला माफिया नेटवर्क

मृतक के भतीजे जसपाल की तहरीर पर पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। जांच के दौरान चौंकाने वाले खुलासे हुए। पुलिस ने पाया कि आरोपी शातिर गैंगस्टर और भूमाफिया हैं, जिन्होंने इलाके में कई जमीनों पर अवैध कब्जा कर रखा था। इसी को लेकर उनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई की गई। जांच के बाद पुलिस ने दो करोड़ रुपये से अधिक की अवैध संपत्ति कुर्क की और आरोपियों को अपराध माफिया घोषित किया गया। सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया और अदालत में चार्जशीट दाखिल की गई।

सरकारी वकील ने पेश किए 11 गवाह

मामले की सुनवाई के दौरान सरकारी वकील रीतराम राजपूत ने 11 अहम गवाह पेश किए। मजबूत साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर कोर्ट ने सुखदेव, वेद प्रकाश, रवि, संजीव, धर्मेंद्र, जितेंद्र और मुनेंद्र को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई।कोर्ट के इस फैसले को इलाके में अपराध और माफिया राज के खिलाफ बड़ी कार्रवाई के तौर पर देखा जा रहा है। संदेश साफ है कानून से ऊपर कोई नहीं, चाहे वह कितना ही बड़ा गैंगस्टर क्यों न हो।


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