
बरेली। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त निर्देशों के बाद गन्ना विभाग ने कालाबाजारी पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य दिलाने और गन्ने की अवैध खरीद-बिक्री को रोकने के लिए जिले में औचक निरिक्षण और छापेमारी अभियान तेज हो गया है। उप गन्ना आयुक्त एवं उप चीनी आयुक्त राजेश मिश्रा ने निगोही, मीरगंज और पीलीभीत की तीन चीनी मिलों के क्रय केंद्रों पर अचानक पहुंचकर व्यवस्था परखी और कमियां मिलने पर सख्त निर्देश जारी किए।
17 दिसंबर को किए गए निरीक्षण में निगोही चीनी मिल के क्रय केंद्र पिपरिया कनक पर व्यवस्था सामान्य पाई गई। यहां 10,161 क्विंटल गन्ने की खरीद दर्ज की गई और उठान के लिए दो ट्रक खाली तथा एक भरा हुआ मिला। मीरगंज चीनी मिल के चका 'ए' केंद्र पर तौल और उठान व्यवस्था बेहतरीन निकली। यहां 7,331 क्विंटल खरीद का आंकड़ा मिला, जबकि एक खाली और एक भरा ट्रक मौजूद था। सबसे गंभीर स्थिति पीलीभीत चीनी मिल के भूड़ा बहादुरपुर केंद्र पर पाई गई। कांटा सही मिला, लेकिन उठान व्यवस्था पूरी तरह धीमी थी। तौल के इंतजार में 35 ट्रालियां खड़ी मिलीं। अधिकारियों ने तुरंत उठान और ट्रांसपोर्टेशन व्यवस्था दुरुस्त करने का आदेश दिया।
गन्ने की अवैध तस्करी और खरीद-बिक्री रोकने के लिए विभाग ने विशेष टीमें गठित की हैं। इसी अभियान के दौरान बहेड़ी-भिल्लौर उत्तराखंड बॉर्डर पर रात में सघन चेकिंग की गई। टीम ने गन्ना लदे किसी भी वाहन की आवाजाही नहीं होने दी जायेगी। जिले में अवैध व्यापार पर सख्ती से रोक लगाई जाएगी और अगर किसी केंद्र या मिल पर गड़बड़ी पाई गई, तो सीधे कार्रवाई होगी।
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Updated on:
18 Dec 2025 08:05 pm
Published on:
18 Dec 2025 08:04 pm
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