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11 करोड़ खर्च, फिर भी जनता को नहीं मिला स्काईवॉक, आनंदी इंटरप्राइजेज का 15 साल का ठेका रद्द

पटेल चौक स्थित स्काईवॉक परियोजना में लगातार हो रही घोर लेटलतीफी, ढिलाई और गैरजिम्मेदाराना रवैये को बर्दाश्त न करते हुए बरेली स्मार्ट सिटी लिमिटेड (बीएसएसएल) ने बड़ा और सख्त कदम उठाया है। स्मार्ट सिटी प्रबंधन ने अनुबंधधारी फर्म आनंदी इंटरप्राइजेज का 15 वर्षों का संचालन एवं रखरखाव अनुबंध तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया है।

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बरेली। पटेल चौक स्थित स्काईवॉक परियोजना में लगातार हो रही घोर लेटलतीफी, ढिलाई और गैरजिम्मेदाराना रवैये को बर्दाश्त न करते हुए बरेली स्मार्ट सिटी लिमिटेड (बीएसएसएल) ने बड़ा और सख्त कदम उठाया है। स्मार्ट सिटी प्रबंधन ने अनुबंधधारी फर्म आनंदी इंटरप्राइजेज का 15 वर्षों का संचालन एवं रखरखाव अनुबंध तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया है। यह कार्रवाई परियोजना संचालन में अनावश्यक विलंब और बेहद असंतोषजनक प्रगति के चलते की गई है।

बीएसएसएल अध्यक्ष के अनुमोदन के बाद 20 जून 2025 को हुए अनुबंध को औपचारिक रूप से समाप्त कर दिया गया है। साथ ही फर्म को तीन दिन के भीतर स्काईवॉक में लगे सभी उपकरणों को यथास्थिति में बीएसएसएल को सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। इस फैसले के बाद अनुबंध एजेंसी में हड़कंप मच गया है, जबकि एजेंसी के अफसर इस कार्रवाई को गलत ठहराने में जुटे हैं। इस प्रोजेक्ट में 11.18 करोड़ रुपये की लागत, निर्माण शुरू 15 अप्रैल 2022, निर्माण पूर्ण 30 दिसंबर 2023 और संचालन अनुबंध 20 जून 2025 था।

दो साल से हवा में झूलता स्काईवॉक

स्मार्ट सिटी योजना के तहत करीब 11 करोड़ रुपये की भारी-भरकम लागत से पटेल चौक पर स्काईवॉक का निर्माण कराया गया था। निर्माण कार्य डेढ़ साल पहले ही पूरा हो चुका था, लेकिन संचालन एजेंसी और बीएसएसएल के बीच हैंडओवर की प्रक्रिया जानबूझकर लटकाई जाती रही। सितंबर माह में हैंडओवर की प्रक्रिया पूरी होने के बावजूद आज तक स्काईवॉक जनता को नहीं सौंपा जा सका, जिससे करोड़ों की परियोजना दो साल से बेकार पड़ी रही। लगातार देरी, उदासीन रवैया और चेतावनियों की अनदेखी को देखते हुए स्मार्ट सिटी प्रबंधन ने आखिरकार सख्त कार्रवाई करते हुए अनुबंध निरस्त कर दिया।

टेंडर निरस्तीकरण में अंदरूनी खेल की बू

पटेल चौक स्काईवॉक के संचालन अनुबंध के निरस्तीकरण को लेकर अब अंदरूनी साजिश के आरोप भी जोर पकड़ने लगे हैं। जानकारों का दावा है कि बीएसएसएल से अनुबंधित कंपनी के एक करीबी व्यक्ति ने जानबूझकर देरी करवाई, ताकि अनुबंध निरस्त हो और भविष्य में उसकी अपनी फर्म को ठेका मिल सके। बताया जा रहा है कि इस पूरे खेल में कंपनी से जुड़े कुछ कर्मचारियों की गंभीर लापरवाही भी सामने आई है। अनुबंधधारी फर्म को नोटिस जारी किए गए, लेकिन जानबूझकर कोई जवाब नहीं दिया गया, जिससे देरी बढ़ती गई और अंततः अनुबंध निरस्तीकरण का रास्ता साफ हो गया। शहर में इस पूरे घटनाक्रम को सुनियोजित साजिश बताया जा रहा है।

अधिकारियों का सख्त संदेश

बीएसएसएल अधिकारियों का कहना है कि स्काईवॉक परियोजना का उद्देश्य आम जनता को सुरक्षित, सुगम और व्यवस्थित आवागमन की सुविधा देना है। ऐसे में किसी भी स्तर पर लापरवाही और खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रबंधन अब वैकल्पिक व्यवस्था पर तेजी से काम कर रहा है, ताकि स्काईवॉक को जल्द से जल्द जनता के लिए खोला जा सके। वहीं स्मार्ट सिटी कंपनी के सीईओ संजीव कुमार मौर्य ने बताया कि संचालन एजेंसी को कई बार चेतावनी दी गई, लेकिन लगातार लेटलतीफी होती रही। मजबूरन अनुबंध समाप्त किया गया है। आगे और कड़ी कार्रवाई भी की जाएगी।


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