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बच्चों के लिए मुसीबत की पाठशाला: जर्जर भवनों में पढ़ाई का खतरा

बालोतरा। राज्य सरकार भले ही स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और विद्यार्थियों को बेहतर सुविधाएं देने के दावे करती हो, लेकिन बालोतरा शहर के कई सरकारी स्कूल आज भी जर्जर भवनों में संचालित हो रहे हैं। ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद स्कूलों का संचालन फिर से शुरू हो गए है, लेकिन मरम्मत की दिशा में कोई […]

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बालोतरा। शहर के राजकीय महात्मा गांधी बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में जर्जर अवस्था में गैलेरी।

बालोतरा। राज्य सरकार भले ही स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और विद्यार्थियों को बेहतर सुविधाएं देने के दावे करती हो, लेकिन बालोतरा शहर के कई सरकारी स्कूल आज भी जर्जर भवनों में संचालित हो रहे हैं। ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद स्कूलों का संचालन फिर से शुरू हो गए है, लेकिन मरम्मत की दिशा में कोई ठोस प्रयास नहीं किए गए। ऐसे में अब विद्यार्थियों को बरसात के मौसम में जान जोखिम में डालकर पढ़ाई करनी पड़ेगी।

छत से टपकता पानी, करंट का खतरा

शहर के शिव चौराहा स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय की स्थिति चिंताजनक है। यहां पांच वर्षों से भवन की हालत खराब है। बरसात के दिनों में छत से पानी टपकता है और उसमें करंट आने का खतरा बना रहता है। प्रधानाचार्य भंवरलाल सोनी ने बताया कि स्कूल में 265 विद्यार्थी नामांकित हैं। ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में बच्चों को बाहर बैठाकर पढ़ाना संभव नहीं है, जिस कारण उन्हें मजबूरन खतरनाक भवन में ही पढ़ाई करानी पड़ती है। सोनी ने बताया कि इस संबंध में डीईओ को पहले भी अवगत करवा चुके है, अब विद्यालय खुलने पर एक बार फिर नए डीईओ को जानकारी दी जाएगी।

जर्जर भवनों में डर के साए में पढ़ाई

शहर के पचास फीसदी विद्यालयों की स्थिति बेहद चिंताजनक है। मुकनदास रामेश्वरदास माहेश्वरी राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में कई सालों से भवन जर्जर अवस्था में है। जर्जर भवन की वजह से बच्चों को बाहर बैठकर पढ़ाई करनी पड़ती है। इसी तरह उम्मेदपुरा स्थित मिश्रीमल रामेश्वर दास राजकीय महात्मा गांधी बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय संख्या एक की स्थिति भी कुछ अलग नहीं है। यहां भी जर्जर भवन के चलते बालिकाओं को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। इन विद्यालयों की स्थिति को लेकर कई बार उच्चाधिकारियों को अवगत करवाने के बावजूद अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

इनका कहना है

मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी से जर्जर विद्यालय भवनों की सूची मांगी गई है। अभी जर्जर विद्यालय भवनों की संख्या बताना मुश्किल है। स्कूल खुलने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।

  • रामावतार रावल, जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक, बालोतरा