6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

महिला सुरक्षा पर सवाल: 11 माह में 18 हत्या, 431 छेड़छाड़, आखिर कब रुकेगा अत्याचार!

- हैदराबाद की पशु चिकित्सक व टोंक की मासूम से बलात्कार और हत्या के बाद खौफजदा - प्रदेश में अपराध बेलगाम, कॉलेज की छात्राएं बोली- बाड़मेर में हम सुरक्षित

3 min read
Google source verification

बाड़मेर. हैदराबाद में महिला डॉक्टर और फिर टोंक में छह वर्षीय मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या की दो घटनाओं ने प्रदेश सहित देशभर में महिला सुरक्षा को लेकर किए जा रहे दावों की पोल खोल दी है। बेटियों के साथ हो रही घटनाओं को लेकर शिक्षण संस्थाएं भी गंभीर नहीं है। स्कूल, कॉलेज व सार्वजनिक स्थान पर लगी शिकायत पेटियां कई वर्षों से तालों में कैद है।

सीमावर्ती बाड़मेर जिला पुलिस के दर्ज आंकड़ों के मुताबिक वर्ष-2019 के 11 महीनों में 18 महिलाओं को मौत के घाट उतार दिया गया। महिला सुरक्षा के तमाम दावों के बावजूद हकीकत यह है कि 11 माह में 170 महिलाएं दरिंदों की हैवानियत की शिकार हुई।

औसतन हर दूसरे दिन एक महिला दरिंदों का शिकार बनी। वहीं 431 मामले छेड़छाड़ के दर्ज हुए। हालांकि अंधिकाश मामलों में एफआर लगा दी गई।

अधिकांश शहर शांतिप्रिय, कुछ इलाकों में असुरक्षा

शहर के अंधिकाश ऐसे इलाके है, जो शांतिप्रिय माहौल के हैं। कुछ इलाके हंै, जहां महिलाएं व छात्राएं अकेले में असुरक्षित महसूस करती है।

बाड़मेर: महिला अत्याचार एक नजर

अपराध - वर्ष-2019

हत्या : 18
दहेज प्रताडऩा: 378

बलात्कार : 170
छेड़छाड़ : 431

अपहरण : 80
दहेज के कारण आत्महत्या/हत्या : 16

महिला सुरक्षा के इंतजाम

- पुलिस नियंत्रण कक्ष : 100
- महिला हेल्पलाइन नंबर : 9530438100

- महिला अत्याचार सलाह कमेटी

- रोमियो एंटी स्क्वायड टीम : 3 बाइक पर छह महिला कांस्टेबल गश्त करती है। टीम सदस्य कॉलेज व शहर की स्कूल पर पहुंचती है। जहां छात्राओं से चर्चा कर प्रमुख मार्गों पर अंवाछित घटनाओं पर नजर रखती है। टीम ने कई रोमियों को पकड़ा है।

- महिला परामर्श केन्द्र : जिला मुख्यालय पर स्थित महिला थाने में महिला परामर्श केन्द्र स्थापित है। जहां महिला पुलिसकर्मी महिलाओं के साथ होने वाले मामलों की सुनवाई करती है।

- महिला यौन अपराध निवारण प्रकोष्ठ : जिला मुख्यालय पर महिला यौन अपराध निवारण प्रकोष्ठ स्थापित हैं। यहां उपाधीक्षक धन्नापुरी पदस्थापित है। महिलाओं से जुड़े प्रत्येक मामले का अनुसंधान पुलिस अधीक्षक के निर्देशा में करते है। इनका कार्यालय पुलिस लाइन में स्थापित है। यहां महिलाएं सीधे ही मामला दर्ज करवा रही है।

छात्राएं बोली-हम सुरक्षित है, लड़कों की हो काउंसलिंग

- बाड़मेर सुरक्षित है, घटनाओं पर अफसोस
हमारा बाड़मेर सुरक्षित है। देश-प्रदेश में होने वाली घटनाओं से अफसोस होता है। इसके लिए सरकार कड़े कदम उठाकर आरोपियों को फांसी पर लटकाएं। साथ ही पुलिस महिला सुरक्षा को लेकर मुस्तैद रहे।

- अमीशा भाटी, छात्रसंघ महासचिव

- लड़कों की काउंसलिंग करवाएं

बालिकाओं की तरह लड़कों की काउंसलिंग करवाई जाए। इससे होने वाले महिला अपराध में कमी आएगी। गत दिनों हुई दो घटनाओं से अफसोस हुआ कि इस तरह की हैवानियत क्यों? सरकार कठोर कदम उठाए।

- पायल जैन, छात्रा

- कठोर कानून होना चाहिए

बालिकाओं के साथ वारदात होने के बाद सब अलर्ट होते है, लेकिन पहले कहां थे? महिला अत्याचार को लेकर कानून सख्त होने चाहिए। ऐसे आरोपियों को फांसी पर लटका देना चाहिए।

- जया मेघाणी, छात्रा

- कुछ स्पॉट असुरक्षित है।

शहर में कुछ स्पॉट असुरक्षित है। इसके लिए पुलिस अलर्ट रहे। हालांकि हमारी कॉलेज की छात्रा के साथ कभी कोई घटना नहीं हुई। हमें कभी असुरक्षित महसूस नहीं हुआ है। अखबारों में खबरें देखते है तब दु:ख होता है। इसके लिए कठोर कानून हो।

- जया शर्मा, छात्रा

- महिला सुरक्षा को लेकर मुस्तैद

बाड़मेर पुलिस महिला सुरक्षा को लेकर मुस्तैद है। महिलाओं से जुड़े प्रत्येक मामले की जांच कर निष्पक्ष कार्यवाही करते है। गंभीर मामलों में खुद मॉनिटरिंग करता हूं। साथ ही महिला सुरक्षा को लेकर कई तरह के केन्द्र स्थापित कर रखे हैं। शहर में महिला गश्ती दल तैनात रहता है। महिला अत्याचार से जुड़े दर्ज हुए अंधिकाश मामलों में एफआर लगती है।

- शरद चौधरी, पुलिस अधीक्षक, बाड़मेर।


बड़ी खबरें

View All

बाड़मेर

राजस्थान न्यूज़

ट्रेंडिंग