5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Barmer: जोधपुर-उदयपुर में वकीलों से विवाद के बाद अब डॉक्टर का विवाद, गलत जांच करने पर थानेदार सस्पेंड

Barmer News: एसएचओ पर आरोप है कि उन्होंने मामले की जाँच में घोर लापरवाही बरती और आरोपी को लाभ पहुँचाने के उद्देश्य से घटना की वास्तविक धाराओं को कमजोर कर दिया, जिससे आरोपी आसानी से जमानत पर रिहा हो गया।

2 min read
Google source verification
Rajasthan Police

प्रतीकात्मक तस्वीर-पत्रिका

Barmer News: जोधपुर और उदयपुर में वकीलों से पंगे के बाद अब बाड़मेर में पुलिस और डॉक्टर का विवाद सामने आया है। सीधे तौर पर पुलिसकर्मी की लापरवाही मानते हुए बाड़मेर के एसपी ने थानेदार को निलंबित कर दिया है। डॉक्टर से मारपीट करने वाले शख्स को लाभ पहुंचाने और अपने काम के प्रति जान बूझकर लारवाही बरतने के चलते एसपी ने ये एक्शन लिया है। थानेदार जो कि कोतवाली थाने में एसआई हैं…. उन्हें निलंबित किया गया है। उनका नाम लच्छाराम है। आरोप है कि उन्होंने मामले की जाँच में घोर लापरवाही बरती और आरोपी को लाभ पहुँचाने के उद्देश्य से घटना की वास्तविक धाराओं को कमजोर कर दिया, जिससे आरोपी आसानी से जमानत पर रिहा हो गया।

यह था पूरा मामला

घटना 27 नवंबर की है, जब बाड़मेर के एक हॉस्पिटल में डॉक्टर दिनेश गढ़वीर के साथ ओपीडी रूम में एक युवक ने मारपीट की थी। पीड़ित डॉक्टर ने तुरंत कोतवाली थाने में जाकर इस संबंध में मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी युवक को गिरफ्तार तो किया, लेकिन केवल शांतिभंग धारा के तहत। इसके बाद आरोपी को कार्यपालिका मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, जहाँ से उसे आसानी से जमानत मिल गई।

पुलिस की लापरवाही, आरोपी को लाभ

मामला गंभीर था। डॉक्टर पक्ष एसपी तक पहुंचा तो एसपी ने मामले की गंभीरता समझते हुए कार्रवाई की। एसपी नरेन्द्र सिंह मीणा ने डॉक्टर पक्ष को सुना और मामले से संबंधित तमाम दस्तावेज जांचे। एसपी द्वारा करवाई गई जाँच रिपोर्ट में कई गंभीर अनियमितताएं सामने आईं। जाँच अधिकारी ने पीड़ित डॉक्टर की चोट संबंधी मेडिकल रिपोर्ट प्राप्त किए बिना ही आरोपी को गिरफ्तार किया और 2 दिसंबर को कोर्ट में पेश कर दिया।

पुलिस ने आरोपी को फायदा पहुँचाने की नीयत से मारपीट की वास्तविक और गंभीर धाराओं को मुकदमे में दर्ज नहीं किया। इस गलती के कारण, गंभीर मारपीट का मामला हल्की धाराओं में बदल गया और आरोपी को आसानी से जमानत मिल गई।

एसपी ने लिया कड़ा एक्शन

जाँच में लापरवाही स्पष्ट पाए जाने पर एसपी नरेंद्र सिंह मीना ने सख्त रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि अनुसंधान में गंभीर चूक हुई है, सही समय पर साक्ष्य नहीं जुटाए गए, जिससे मामला कमजोर हुआ और आरोपी को सीधे लाभ पहुँचाया गया। इन आधारों पर लच्छाराम को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। एसपी ने यह भी स्पष्ट किया है कि एसआई के विरुद्ध विभागीय जाँच विचाराधीन है और यदि उन पर दोष साबित होता है, तो आगे कड़ी विभागीय कार्रवाई की जाएगी।