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मिलावटखोरों पर हुई कार्रवाई भी मिलावटी!

- खाद्य सुरक्षा अधिकारी को 5 दिन पहले किया था एपीओ - पचपदरा विधायक ने विधानसभा में उठाया था मामला - स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग की उच्च स्तरीय कमेटी करेगी जांच

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Action on adulterers is also adulterated

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बाड़मेर. जिले में खाद्य पदार्थो में मिलावट की जांच के प्रति अनदेखी लोगों के स्वास्थ्य पर भारी पड़ रही है। जांच की सुस्त चाल व अधिकारी की मिलीभगत के चलते मिलावटखोरों के हौसले बुलंद हो गए है। ऐसी स्थिति में सुरक्षा पर गंभीर लापरवाही का मामला विधानसभा में गूंजने पर सरकार का सख्त रवैया नजर आ रहा है।

यहां 15 सालों से पदस्थापित खाद्य सुरक्षा अधिकारी को एपीओ कर उच्च स्तरीय जांच कमेटी का गठन किया है। अब जांच कमेटी सेहत पर हुए खिलवाड़ व अधिकारी की मिलीभगत का राज खोलेगी।

बाड़मेर जिले में खाद्य पदार्थ बेचने के लिए फूड लाइसेंस की अनिवार्यता का प्रभावी क्रियान्वयन नहीं होने से आमजन के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। इसको लेकर न तो खाद्य विभाग सख्ती बरत रहा है और ना ही खाद्य व पेय पदार्थ विक्रेता आगे आ रहे हैं।

अब विभाग ने खाद्य पदार्थो में मिलावट करने वालों के विरुद्ध सख्त रवैया अपनाते हुए खाद्य सुरक्षा अधिकारी भूराराम गोदारा को एपीओ किया गया। इनके खिलाफ गंभीर शिकायतों को दृष्टिगत में रखते हुए उच्च स्तरीय जांच कमेटी का गठन किया है।

जांच कमेटी में निदेशाालय के अतिरिक्त निदेशक की अध्यक्षता में संयुक्त निदेशक (ग्रा.स्वास्थ्य) व लेखाधिकारी मुख्यालय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं राजस्थान को शामिल किया गया है।

आमजन के स्वास्थ्य के प्रति सरकार ने नियम तो सख्त बना लिए, लेकिन धरातल पर संसाधनों के साथ ही खाद्य सुरक्षा विभाग की कार्यप्रणाली के तमाम प्रयास नाकाफी है। उल्लेखनीय है कि बाड़मेर जिले में खाद्य सुरक्षा विभाग में दो अधिकारियों के पद स्वीकृत है। जिसमें एक कार्यरत है। जिनकी योग्यता मेल नर्स-2 थी। जिन्हें 3 माह का प्रशिक्षण देकर बाड़मेर जिले की जिम्मेदारी सौंपी गई।

पर्व पर होती है विभाग की खानापूर्ति

चिकित्सा विभाग द्वारा दीपावली, होली सहित अन्य पर्व से एक सप्ताह पहले कार्रवाई करने के साथ ही जांच की औपचारिकताएं पूरी की जाती है। पर्व से पहले विभाग टीम गठित कर शहर के कुछ प्रतिष्ठानों के सैंपल लेता है और फिर मामला कागजों में दफन हो जाता है।

बाड़मेर जिले में सामने आया है कि मांसाहार का एक भी सैंपल कभी भी नहीं लिया गया है। जबकि बाड़मेर में मटन, मुर्गी व चिकन का बड़े स्तर पर कारोबार है।

फैक्ट फाइल

- 28 हजार 387 वर्ग किमी जिले का क्षेत्रफल
- 2800 से ज्यादा राजस्व गांव

- 14 तहसील व 21 पंचायत समिति
- उच्च स्तर पर कार्रवाई हुई है।

खाद्य सुरक्षा अधिकारी को एपीओ उच्च स्तर से किया गया है। अब तक नए के आदेश नहीं हुए हैं। विभाग ने सरकार को लिखा है। मासांहारी का सैंपल नहीं लेने पर मैंने संबंधित को नोटिस जारी किए थे।
- डॉ. कमलेश चौधरी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, बाड़मेर


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