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खरीफ की कमाई के बाद रबी की बुवाई में जुटे धरतीपुत्र

- आठ अरब की खरीफ की फसलें हुई अब रबी से उम्मीद - 22 अरब की रबी से कमाई की आस , 3 लाख 15 हजार हैक्टेयर में होगी बुवाई

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खरीफ की कमाई के बाद रबी की बुवाई में जुटे धरतीपुत्र

खरीफ की कमाई के बाद रबी की बुवाई में जुटे धरतीपुत्र

बाड़मेर. थार के धरतीपुत्र खरीफ की कमाई के बाद अब रबी की बुवाई में जुट गए हैं। पिछले एक सप्ताह से रबी की बुवाई का दौर शुरू हुआ है।

हालांकि अभी तक आरम्भिक दौर है लेकिन आगामी एक सप्ताह में ही रबी की बुवाई परवान चढेगी। रायड़ा, ईसबगोल, जीरा, अरण्डी की फसलों की बुवाई होगी जिससे करीब 22 अरब की कमाई की उम्मीद धरतीपुत्रों को रहेगी।

जिले में 3 लाख 15 हजार हैक्टेयर में रबी की बुवाई होने का अनुमान है। सीमावर्ती जिले बाड़मेर में इस बार बारिश की मेहरबानी से करीब आठ अरब की खरीफ की फसलें हुई। अभी खेतों में खरीफ की फसलें लेने का दौर चला रहा है तो दूसरी ओर सिंचित खेती करने वाले किसान अब रबी की बुवाई करने में जुट गए हैं।

पिछले कुछ दिन से सर्दी बढऩे के साथ ही किसानों के चेहरे खुशी से खिल गए हैं, क्योंकि रबी की बुवाई शुरू होते ही ठण्डे मौसम को बेहतर माना जाता है।

इस पर अभी रबी की फसलें बोना बढि़या माना जा रहा है। यही कारण है कि किसान पिछले तीन-चार दिन से रबी की बुवाई कर रहे हैं।

जीरे की होगी बम्पर बुवाई, ईसब पर भरपूर- जिले में रबी की बुवाई का क्षेत्रफल करीब 3 लाख 15 हजार हैक्टेयर रहता है। इसमें से सबसे अधिक 1लाख 40 हजार हैक्टेयर में जीरा बोया जाता है। ईसबगोल की बुवाई करीब एक लाख हैक्टेयर में होती है जबकि रायड़ा22 हजार हैक्टेयर में बोया जाता है।

चौथाई भूभाग में बुवाई, ढाई गुना कमाई- जिले में खरीफ के मुकाबले रबी की बुवाई चौथाई से भी कम क्षेत्रफल में होती है। जहां खरीफ की बुवाई 14 लाख 57 हजार हैक्टेयर में होती है जबकि रबी की बुवाई 3 लाख 15 हजार हैक्टेयर में होती है। खरीफ से जिले को करीब आठ अरब की आय हुई है जबकि रबी से बीस-बाइस अरब की आय होने की उम्मीद है। अकेले जीरे से करीब तेरह अरब मिलने की आस है।

रबी की बुवाई का दौर शुरू- जिले में रबी की बुवाई का दौर शुरू हो चुका है। पहले दौर में रायड़ा की बुवाई शुरू हुई है जबकि जीरा अब बोया जा रहा है। जैसे सर्दी बढ़ेगी बुवाई का दौर और तेज होगा।- डॉ. प्रदीप पगारिया, कृषि वैज्ञानिक केवीके गुड़ामालानी


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