दरअसल, एयरपोर्ट अथॉरिटी को जमीन आवंटन के लिए जिला प्रशासन ने प्रस्ताव तैयार कर संयुक्त शासन सचिव को भेजा था। केन्द्र व राज्य सरकार के एमओयू के बाद एयरपोर्ट प्राधिकरण को जमीन आवंटन करने की स्वीकृति मिल गई। स्वीकृति के बाद यूआईटी ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के नाम 7.50 बीघा का जमीन का नि:शुल्क पट्टा जारी किया है। लेकिन यह जमीन उत्तरलाई वायुसेना स्टेशन व रेलवे लाइन के बीच में आवंटित की गई है। इसके लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी को वायुसेना व रेलवे से एनओसी लेनी थी। इसके बाद रेलवे ने एनओसी जारी कर दी है, लेकिन एयरफोर्स ने अब तक एनओसी नहीं दी है। वहां से एनओसी मिलने के बाद निर्माण कार्य शुरू करवाया जाएगा।
इसलिए महत्वपूर्ण हवाई सेवा
बाड़मेर जिले में तेल-गैस उत्खनन के बाद अन्य प्रदेशों के लोगों का बाड़मेर में आना-जाना रहता है। वहीं सामरिक दृष्टि से सुरक्षा एजेंसियों, सेना, वायुसेना व बीएसएफ के लिए हवाई सेवा से सुविधा बढ़ेगी। इसके साथ ही बाड़मेर में व्यापारिक गतिविधियों का बढ़ावा हो रहा है। पचपदरा में भी रिफाइनरी का कार्य प्रगति पर है।
– एनओसी का इंतजार
एयरपोर्ट के लिए जिला प्रशासन की ओर से डेढ साल पहले जमीन मिल गई है। यह जमीन उत्तरलाई वायुसेना स्टेशन व रेलवे लाइन के बीच है। इसलिए एयरपोर्ट निर्माण के लिए दोनों से एनओसी थी। रेलवे ने एनओसी जारी कर दी है। अब एयरफोर्स से एनओसी मिलने पर जल्द निर्माण कार्य शुरू करवाया जाएगा। – अवधेष अग्रवाल, डारेक्टर, एयरपोर्ट जोधपुर
– प्रस्ताव भेजा है
एयरपोर्ट विस्तारीकरण को लेकर बैठक हुई है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ने विस्तार के लिए जमीन मांगी है। जिला प्रशासन ने 52 एकड़ जमीन देने के लिए प्रस्ताव भेजा है। निजी खातेदार है, ऐसे में दस करोड़ रुपए आवाप्ति में खर्च होगा। – ओमप्रकाश, अतिरिक्त जिला कलक्टर, बाड़मेर
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