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…तो मजदूर के रिटायरमेंट की कोई उम्र नहीं?

-मनरेगा में 80 से 96 साल तक के वृद्ध कर रहे मजदूरी, सबसे अधिक डूंगरपूर जिले में1912 श्रमिक  

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Barmer Nrega news

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बाड़मेर के 614 बुजुर्ग कर रहे नरेगा कार्य

बाड़मेर. साठ साल के व्यक्ति को वृद्ध मानकर उसे सेवानिवृत्त करने का नियम है और वृद्धावस्था पेंशन भी इसी उम्र से प्रारंभ हो जाती है लेकिन मजदूर की सेवानिवृत्ति की तो यहां कोई उम्र ही नहीं है। जानकर अचंभा होगा कि महात्मा गांधी नरेगा योजना में 80 से 96 तक की उम्र के मजदूर काम कर रहे हैं। प्रदेश में इनकी संख्या 5449 है जिनको इस वित्तीय वर्ष में काम दिया गया है। सर्वाधिक बुजुर्ग डूंगरपुर जिले में काम पर हैं।

मनरेगा योजना में मजदूरी की उम्र को लेकर कोई पाबंदी नहीं है। वर्ष 2015 तक यह प्रावधान रहा कि सभी उम्र के लोगों को मजूदरी पर बताया गया लेकिन 2015 मंे यह सवाल खड़ा हुआ कि जिस उम्र में चलना फिरना मुश्किल होता है उस समय ये लोग किस प्रकार मनरेगा में मेहनत का काम कर रहे हैं। फंस इस बात पर गई कि मनरेगा में तब तक हजारों लोगों को इस उम्र में काम दिया जा चुका था एेसे में नया प्रावधान लाया गयाा कि अब 80 से अधिक उम्र के लोग मजदूरों को पानी पिलाने सहित हल्के काम करेंगे। हालांकि व्यावहारिक तौर पर 96 की उम्र में यह कार्य करना भी गले नहीं उतरता है। बहरहाल आलम यह है कि प्रदेश में मार्च माह के बाद 5449 मजदूर 80 की उम्र के बाद काम कर चुके हैं।

यह काम दिए गए हैं
नरेगा में ऐसे बुजुर्ग व्यक्तियों के लिए पानी की व्यवस्था करने, बच्चों को झूला झुलाने, निर्माण कायों में पानी का छिड़काव करने, आंगनबाड़ी के बच्चों की देखभाल करने जैसे काम निर्धारित किए गए हैं।

फैक्ट फाइल

टॉप फाइव जिले
जिला - 80 साल से अधिक आयु के व्यक्ति

डूंगरपूर - 1912

बांसवाड़ा- 710

बाड़मेर - 614

उदयपुर- 259

झालावाड़- 197

एेसा प्रावधान है

बुजुर्गों को रोजगार से वंचित नहीं रखा जा रहा है। उनके लिए प्रावधान है कि वे हल्के कार्य करेंगे। इस लिए नियोजित किए जा रहे हैं।- एम एल नेहरा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद, बाड़मेर


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