योजना के माध्यम से अनुज्ञप्तिधारी महिला हमाल एवं पल्लेदारों को प्रसूति सहायता, पुरुष को पितृत्व सहायता, महिला के विवाह और पुरुष एवं महिला हमाल और पल्लेदारों की दो पुत्रों की सीमा तक 50 हजार रुपए प्रति विवाह सहायता दी जाती है। इसी प्रकार मेधावी छात्रों को कक्षा 10 से स्नातकोत्तर तक 2 हजार से 6 हजार तक की छात्रवृत्ति और 20 हजार तक की चिकित्सा सहायता मुहैया करवाई जाती है।
मंडियां जमा करवा रही अंशदान
योजना के लाभ के लिए प्रदेश की कृषि उपज मंडी समितियों द्वारा हमाल, तुलारा एवं पल्लेदारों का अंशदान जमा कराना अनिवार्य है। इसके लिए मंडी समितियां को चार श्रेणियां में विभाजित किया गया है। विशिष्ठ एवं अ श्रेणी की मंडिया द्वारा प्रति श्रमिक 1000 रुपए, ब श्रेणी की मंडियां में 500, स श्रेणी की मंडियां द्वारा 300 और द श्रेणी की मंडियां द्वारा 200 रुपए प्रति श्रमिक अंशदान जमा करवाया जाता है।
लाडली के विवाह पर 50 हजार की सहायता
योजना के तहत अधिकतम दो बेटियों के विवाह के लिए प्रति बेटी के विवाह पर 50 हजार रुपए की सहायता राशि दी प्रदान की जाती है। साथ ही अनुज्ञप्तिधारी महिला के विवाह पर भी 50 हजार रुपए की सहायता मिलती है। सहायता के लिए आवेदक को विवाह से 90 दिन में आवेदन प्रस्तुत करना आवश्यक है। श्रमिकों को 20 हजार रुपए की चिकित्सा सहायता
अनुज्ञप्तिधारी हमाल एवं पल्लेदारों को कैंसर, हार्ट अटैक, लीवर, किडनी जैसी गंभीर बीमारियों से ग्रसित होने पर सरकारी अस्पताल, स्वास्थ्य केंद्र,
राजस्थान सरकार द्वारा सरकारी कर्मचारियों के लिए अधिकृत अस्पताल में भर्ती होने पर चिकित्सा सहायता के लिए अधिकतम 20 हजार रुपए की सहायता प्रदान की जाती है।
प्रसूति सहायता और पितृत्व संबल
योजना के तहत महिला हमालों एवं पल्लेदारों को अधिकतम दो प्रसव पर 45 दिन की मजदूरी के समतुल्य राशि का भुगतान करके सहायता प्रदान की जाती है। इसी प्रकार पुरुष हमाल को पितृत्व अवकाश के रूप में निर्धारित प्रचलित मजदूरी दर के अनुसार 15 दिन की मजदूरी का भुगतान किया जाता है। इसके लिए आवेदक को 3 माह के भीतर आवेदन प्रस्तुत करना होता है।
कक्षा 10 से स्नातकोत्तर तक छात्रवृत्ति
योजना के तहत जिनके अभिभावक मंडी में अनुज्ञप्तिधारी हमाल या पल्लेदार हैं, उनके प्रत्येक बेटे-बेटियों (अधिकतम दो बच्चे) को छात्रवृत्ति प्रदान करके शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित किया जाता है। जिसमें कक्षा 10वीं में 80 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्र को 3 हजार, छात्रा को 3 हजार 500 रुपए, 70 से 80 प्रतिशत अंक वाले छात्र को 2 हजार, छात्रा को 2 हजार 500 रुपए की छात्रवृत्ति एकमुश्त प्रदान की जाती है। इसी प्रकार कक्षा 12वीं में 90 प्रतिशत से अधिक अंक वाले छात्र को 5 हजार, छात्रा को 6 हजार, 80 से 90 प्रतिशत अंक वाले छात्र को 4 हजार, छात्रा को 5 हजार, 70 से 80 प्रतिशत अंक वाले छात्र को 3 हजार, छात्रा को 4 हजार रुपए की छात्रवृत्ति दी जाती है। स्नातक में अध्यनरत विद्यार्थियों को 60 प्रतिशत से अधिक अंक आने पर छात्र को 4 हजार, छात्रा को 5 हजार, स्नातकोत्तर में 60 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले छात्र को 5 हजार, छात्रा को 6 हजार रुपए की छात्रवृत्ति एकमुश्त देखकर आर्थिक संबल प्रदान किया जाता है।
योजना के लिए पात्रता
योजना के तहत हमालों एवं पल्लेदार को 18 से 60 वर्ष की आयु होने तथा राज्य का मूल निवासी होने पर सहायता दी जाती है। साथ ही उनका राजस्थान कृषि उपज मंडी समिति अधिनियम 1961 के अधीन अनुज्ञप्तिधारी होना तथा राज्य की कृषि मंडियों में निर्धारित कार्य करना आवश्यक शर्त है। इन्हें किसी अन्य स्रोत से वेतन प्राप्त नहीं होने पर ही सहायता देय है।