बॉर्डर के इलाके में बढ़ती आबादी को कभी परेशानी और मुश्किल माना जाता था लेकिन अब यह बाड़मेर के आर्थिक तंत्र को मजबूत करने का जरिया बन गई है। रोजगार के अवसर बढऩे क साथ ही बढ़ती आबादी ने रेगिस्तानी जिले में विकास के दरवाजे-खिड़कियां खोल दिए है।
बाड़मेर
बॉर्डर के इलाके में बढ़ती आबादी को कभी परेशानी और मुश्किल माना जाता था लेकिन अब यह बाड़मेर के आर्थिक तंत्र को मजबूत करने का जरिया बन गई है। रोजगार के अवसर बढऩे क साथ ही बढ़ती आबादी ने रेगिस्तानी जिले में विकास के दरवाजे-खिड़कियां खोल दिए है। बाड़मेर में आर्थिक उन्नति की बड़ी वजह यहां द्विफसली इलाका बनना रहा है। लाखों परिवारों के घरों में खुशहाली आ गई है। तीन लाख परिवार इससे सीधे जुड़े है। तेल-गैस, कोयला और सोलर ने भी लाखों लोगों को संबल दिया है। बालोतरा का पॉपलीन उद्योग मजबूती से आगे बढ़ रहा है तो हैण्डीक्राफ्ट में महिलाओं का हुनर तो अब देश-विदेश की धरती तक कमाल कर रहा है।
अरबों की फसलें: ३ लाख परिवारों की ताकत
बाड़मेर-बालोतरा दोनों जिलों के करीब तीन लाख परिवार किसान है। इन परिवारों की मेहनत के बूते १७ अरब का जीरे की फसल ले रहे है। इसके अलावा ईसबगोल, अनार, बाजरा,सरसों व अन्य फसलों की पैदावार ५० अरब से अधिक उपज दे रही है। बाड़मेर-बालोतरा अब द्विफसली इलाके में प्रदेश में अव्वल जिलों में आने लगे है। अनार की पैदावार ने सिवाना में नई मण्डी तैयार कर दी है। देश-विदेश तक बाड़मेर का सिंदूरी अनार पहुंच रहा है।
तेल-गैस-कोयला और आर्थिक उन्नति
२००३ के बाद में बाड़मेर तेल, गैस और कोयला तीन बड़ी ताकत उभरकर सामने आए। जैसे ही आर्थिक विकास ने गति पकड़ी बाड़मेर की युवा पीढ़ी इससे जुडऩे लगी। युवा उद्यमी जोगेन्द्रङ्क्षसह चौहान बताते है कि बाड़मेर में इससे जुड़े उद्योगों में युवाओं ने दिलचस्पी लेकर न केवल खुद काम हासिल किया आगे भी कई लोगों के काम दिया। इससे बाड़मेर में आर्थिक तरक्की की तस्वीर नजर आ रही है।
कपड़ा उद्योग :एक लाख लोग लिख रहे इबारत
बालोतरा का पॉपलीन कपड़ा उद्योग इस इलाके में रोजगार का स्थाई साधन है। एक लाख परिवार इस उद्योग से प्रत्यक्ष व परोक्ष जुड़े हुए है। बालोतरा के कपड़ा व्यवसायी सुभाष मेहता बताते है कि बालोतरा, जसोल, बिठूजा में बारह सौ के करीब कारखाने है। गुजरात, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र तक इन कारखानों से तैयार पॉपलीन जा रहा है। नई पीढ़ी के युवा उद्यमी अब फैशन और डिजाइन के अनुसार उत्पाद तैयार कर रहे है।
हैण्डीक्राफ्ट : ०१ लाख महिलाओं की ताकत हुनर
बाड़मेर एक लाख से अधिक महिलाएं हैण्डीक्राफ्ट से जुड़ी है। नारी शक्ति पुरस्कार सम्मानित रूमादेवी बताती है कि महिलाएं अब अजरख, कशीदाकारी और पेचवर्क के कार्य को बखूबी कर रही है। वे बताती है कि उनके काम को देश विदेश में मार्केट मिलने लगा है। जयपुर, जोधपुर व अन्यत्र हैण्डीक्राफ्ट ऑन लाइन का बिजनेस नई ऊंचाइयां ले रहा है और इससे घर बैठे रोजगार के अवसर खुल रहे है।
युवा कर रहे कमाल:आईएएस, डॉक्टर, आइआइटीयन
बाड़मेर पर पहले तोहमत पढ़ाई का स्तर कमजोर होने की थी लेकिन बीते डेढ़ दशक में कमाल ही हो गया है यही पढ़ाई अब इस इलाके की ताकत है। आईएएस की सूची आए और बाड़मेर का नाम न हों,यह हो ही नहीं सकता। भिंयाड़ के आइएएस रमेश जांगिड़ कहते है मेरे एक गांव से तीन लोगों का चयन है। आइएएस नहीं आइआइटीयन, डॉक्टर, इंजीनियर और सेना की बड़ी पोस्ट में भी आगे है। युवाओं की पढ़ाई बाड़मेर की बड़ी ताकत बनकर सामने आ रही है।
बहुत बड़ा भविष्य
बाड़मेर की आबादी कई देशों से ज्यादा है, यह तीस लाख पार हो रही है। बाड़मेर-बालोतरा का क्षेत्रफल २७०० वर्गकिमी से ज्यादा है। संसाधनों की कमी अब नहीं रही। ऐसे में तरक्की की राह पर चढ़ रहे है। आबादी हमारी ताकत बन रही है क्योंकि ३० लाख में १५ लाख के करीब युवा आबादी है। हमें इसे अपनी ताकत बनाना होगा। इनको नई दिशा देनी है।-
मैं जानता हूं इनकी ताकत
हमने गरीब घरों के बच्चों का हाथ थामा। उनके डॉक्टर बनने के सपने को साकार करने के लिए उन्हें दिशा दी, सैकड़ों बच्चों का चयन हुआ। यह है बाड़मेर की ताकत। हमें इस ताकत को हर फील्ड में पहचानना होगा।- डा. भरत सारण, मोटिवेटर
मैं पहचानता हूं यह ताकत
मेरे इलाके सिवाने में अनार की फसल होने लगी तो हमने अपनी पूरी ताकत झौंक दी। अनार की मण्डी बना दी। हर खेत में लाखों के अनार उपज रहे है। युवाओं ने अनार से जुड़े रोजगार के नए साधन जुटा लिए है।- मुकनसिंह प्रधान सिवाना