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परीक्षा सिर पर विद्यार्थियों के हाथों तक नहीं पहुंची किताबें

राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल का मामला - उपखंड क्षेत्र के करीबन 500 विद्यार्थियों की बढ़ी चिंता

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परीक्षा सिर पर विद्यार्थियों के हाथों तक नहीं पहुंची किताबें

परीक्षा सिर पर विद्यार्थियों के हाथों तक नहीं पहुंची किताबें


शिव (बाड़मेर) . राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल के दसवीं व बारहवीं के विद्यार्थियों को अभी भी किताबों का इंतजार है जबकि परीक्षा सिर पर आ चुकी है। विद्यार्थी रोजाना नोडल केंद्र के चक्कर लगा रहे हैं। प्रवेश के 9 माह गुजरने के बावजूद उन्हें सरकारी किताबें नहीं मिल रही हैं, ऐसे में पढ़ाई कैसे होगी, जबकि परीक्षा की समय सारणी भी जारी हो गई है।

स्टेट ओपन स्कूल में प्रवेश प्रक्रिया जुलाई-अक्टूबर में ही पूरी हो गई। बोर्ड को किताबें अक्टूबर तक विद्यार्थियों को उपलब्ध करवानी थी, लेकिन अभी तक पुस्तकें नहीं आई हैं। उपखंड मुख्यालय स्थित संदर्भ केंद्र में करीबन 500 विद्यार्थी है जो लगातार पाठ्यपुस्तकों के लिए केंद्र से संपर्क कर रहे हैं।
संपर्क कक्षाएं भी हो गई- 25 दिसंबर से 8 जनवरी तक पाठ्यपुस्तक संबंधी समस्याओं के निराकरण के लिए प्रत्येक संदर्भ केंद्र में संपर्क कक्षाएं लगाई गई। विद्यार्थी भी प्रतिदिन इसमें पहुंचे, उन्हें भी पुरानी किताबों से पढ़ाया गया।

यह है ओपन स्कूल का उद्देश्य- ओपन स्कूल का लक्ष्य सबके लिए शिक्षा रखा गया है। इसमें बालिकाओं, महिलाओं, ग्रामीण युवाओं व काम करने वाले पुरुषों व महिलाओं के साथ विकलांग व अन्य सुविधाओं से वंचित लोगों को शिक्षित करना इसकी विशेष प्राथमिकता है।
पाठ्यपुस्तकें प्राप्त नहीं हुई- माध्यमिक परीक्षा के लिए स्टेट ओपन स्कूल से अगस्त में पंजीयन करवाया था, अब परीक्षा समय सारणी भी जारी हो गई है। दो प्रायोगिक परीक्षा भी है, लेकिन अभी तक पाठ्यपुस्तकें प्राप्त नहीं हुई हैं। अब बिना किताबें ही परीक्षा देनी पड़ेगी।-

जेठी परीक्षार्थी

पाठ्यपुस्तकें प्राप्त नहीं हुई- माध्यमिक परीक्षा के लिए स्टेट ओपन स्कूल से अगस्त में पंजीयन करवाया था, अब परीक्षा समय सारणी भी जारी हो गई है।

राधिका परीक्षार्थी
कई बार दी सूचना- स्टेट ओपन स्कूल की पाठ्य पुस्तकों के लिए आवेदन प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद ही डिमांड भिजवाई गई थी। उसके बाद भी कई बार लिखित व मौखिक सूचना दी, लेकिन अभी तक पाठ्यपुस्तकें प्राप्त नहीं हुई।- मनोहरलाल जीनगर, स्टेट ओपन प्रभारी राउमावि शिव


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