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थाइलैण्ड से आए बौद्ध भिक्षु फ्रांस जाना चाहते थे वाया पाकिस्तान, बाड़मेर में रोका

-पदयात्रा पर निकला है 12 भिक्षुओं का दल

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Buddhist monks from Thailand wanted to go to France via Pakistan

Buddhist monks from Thailand wanted to go to France via Pakistan

बाड़मेर. थाइलैण्ड से पदयात्रा पर फ्रांस तक की 12000 किमी की दूरी तय करने के लिए रवाना हुए 12 बौद्धभिक्षुआें के दल को सरहदी बाड़मेर जिले में सोमवार को रोक दिया गया। वे मुनाबाव बॉर्डर होकर पाकिस्तान में प्रवेश कर आगे का रास्ता तय करना चाह रहे थे- लेकिन भारत के गृहमंत्रालय की इनके पास इजाजत ही नहीं थी।

प्रशासन की समझाइश पर बौद्धभिक्षु मान गए और यात्रा को अब इजाजत बाद अटारी से करने का निर्णय लिया है। थाइलैण्ड से बौद्ध भिक्षु दल के मुख्यिा पा सुथाम नाती धोम मांग के साथ रवाना हुआ। बौद्ध भिक्षुओं दल रविवार को बाड़मेर पहुंचा।

यहां से इस दल के सोमवार को मुनाबाव होते हुए पाकिस्तान जाने की तैयारी थी लेकिन प्रशासन को इसकी जानकारी मिलने पर प्रतिबंधित क्षेत्र जसाई से पहले ही इनको रोक दिया गया।

जहां उपखण्ड अधिकारी नीरज मिश्र ने बौद्ध भिक्षुओं से प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश करने की अनुमति व पाकिस्तान जाने के लिए भारत सरकार के गृह मंत्रालय की इजाजत की जानकारी चाही तो अनुमति नहीं होने का तथ्य सामने आया।

प्रशासन की समझाइश पर नियमानुसार इजाजत बात ही आगे जाने की बात कहते हुए बौद्ध भिक्षुओं का दल बाड़मेर में ही ठहर गया है। जानकारी अनुसार बौद्ध भिक्षुाओं ने अब अटारी के रास्ते पाकिस्तान जाने और इससे पहले भारत सरकार से इजाजत लेने की बात कही है।

विश्व शांति के लिए पदयात्रा

बौद्ध भिक्षु विश्व शांति यात्रा का संदेश देने के लिए रवाना हुए हैं। उनका कहना है कि विश्व में अशांति है इसलिए वे थाइलैण्ड, म्यामांर, भारत, पाकिस्तान होते हुए फ्रांस जाएंगे जो करीब 12 हजार किमी है। इससे पहले वे थाइलैण्ड से अमरीका की पदयात्रा कर चुके हैं।

बौद्ध भिक्षुओं को बस से जोधपुर भेजा

जानकारी के अभाव में बौद्ध भिक्षुओं का दल बाड़मेर आ गया था। देर शाम उन्हें बस से जोधपुर भेजा गया है। जहां से अटारी के रास्ते अपनी पदयात्रा पर आगे जाएंगे।

-विजयसिंह, पुलिस उप-अधीक्षक बाड़मेर

अब अटारी से जाएंगे

बौद्ध भिक्षुओं का दल सोमवार को मारूड़ी तक पहुंचा था जहां उनको रोक लिया गया। समझाइश की गई। इनके पास पासपोर्ट वीजा है लेकिन यह जानकारी नहीं थी कि इधर से जाने के लिए गृहमंत्रालय की इजाजत जरूरी है। दूसरा प्रतिबंधित क्षेत्र की भी जानकारी नहीं है।

बॉर्डर का गेट खुलने की इजाजत भी नहीं है। यदि यहां बौद्ध भिक्षु रुकते भी है तो इन सारी प्रक्रियाओं के लिए लंबा समय लगना है। लिहाजा अब उन्होंने तय किया है कि अटारी के रास्ते से जाएंगे।

- नीरज मिश्र, उपखण्ड अधिकारी बाड़मेर

बौद्ध भिक्षुओं ने निर्णय बदला है

बौद्ध भिक्षुओं के दल के बाड़मेर से मुनाबाव की तरफ जाने की जानकारी के बाद उपखण्ड अधिकारी जसाई के पास पहुंंचे जहां समझाइश की गई। नियमों की जानकारी के बाद बौद्ध भिक्षु मान गए हैं और उन्होंने अब इजाजत के बाद ही जाने का निर्णय किया है।

- अंशदीप, जिला कलक्टर बाड़मेर


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