scriptCommon people are saving the life of a young man, suffering from Pompe | आमलोग मिलकर बचा रहे एक युवक की जिंदगी, पोम्पेरोग से है ग्रसित | Patrika News

आमलोग मिलकर बचा रहे एक युवक की जिंदगी, पोम्पेरोग से है ग्रसित

locationबाड़मेरPublished: Nov 27, 2021 11:42:46 am

Submitted by:

Ratan Singh Dave

- 11 डोज लग चुके..अब फिर खड़ी हुई है मुश्किल
- केन्द्र-राज्य से बड़ी मदद का अभी भी इंतजार

आमलोग मिलकर बचा रहे एक युवक की जिंदगी, पोम्पेरोग से है ग्रसित
आमलोग मिलकर बचा रहे एक युवक की जिंदगी, पोम्पेरोग से है ग्रसित
बाड़मेर पत्रिका.
पोम्पेरोग से ग्रसित ललित की जिंदगी में अब सुधार हो रहा है। अब तक 11 डोज लगवा चुके ललित के चेहरे पर मुस्कान छा रही है लेकिन उसके लिए अभी और दवा की जरूरत है। आम लोगों की मदद से ललित को नौ डोज लगी और केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री ने दो डोज का प्रबंध करवाया लेकिन इसके लिए अभी केन्द्र या राज्य सरकार की ओर से पूर्ण उपचार मुफ्त करने की जरूरत है, यह फाइल अटकी हुई है। आम लोगों की मदद भी अब बंद है। बाड़मेर के ललित सोनी का उपचार एम्स अस्पताल में प्रारंभ होने के बाद लगातार 11 वैक्सिन की डोज लगने से ललित की हालत में सुधार हुआ है और वह अब परिजनों के साथ में जीने की उम्मीद पालने लगा है,लेकिन परेशानी है कि उसको यह डोज हर पंद्रह दिन बाद चाहिए। परिजन एक डोज लगते ही अगली डोज को लेकर चिंता में आ जाते है। सरकार मुफ्त करेराज्य व केन्द्र सरकार के पास करीब एक साल से ललित के उपचार की दरख्वास्त है। दोनों ओर से बड़ी मदद नहीं हुई है। केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने दो डोज का प्रबंध अभी करवाया है। चिकित्सामंत्री हां भरे तो बात बनेकेन्द्रीय चिकित्सा मंत्री के पास में स्थानीय भाजपा नेताओं का एक प्रतिनिधि मण्डल भी मिला,आश्वस्त किया गया है लेकिन उपचार को लेकर प्रबंध नहीं हो पाया है। राज्य में ऐसे मामले ज्यादाराज्य सरकार के पास में यह मामला पहुंचाया गया लेकिन राज्य में ऐसे करीब 38 मामले होने से राज्य सरकार इसमें अभी तक मदद नहीं कर पाई है। गंभीर रोगियों के उपचार में ज्यादा रकम लगने से सरकार निर्णय नहीं कर पाई है।परिजन फिर आम आदमी के भरोसेपरिजनों ने एक बार फिर आम लोगों से गुहार की है। गौरतलब है कि पत्रिका में ललित की गंभीर बीमारी का समाचार प्रकाशित होने के बाद संवदेनाएं जगी और आम लोगों, स्वर्णकार समाज और समाजसेवियों ने करीब 55 लाख की मदद परिजनों तक पहुंचाई, जिससे ललित का अब तक उपचार हुआ है।
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