
Disaster for border farmers
गडरारोड़.(बाड़मेर). पाक में टिड्डी को नियंत्रण नहीं करने के कारण अब फाका तारबंदी के नीचे से रेंग कर सीमावर्ती गावों में पहुंच रहा है। करोड़ों की संख्या में फाके के आने से किसानों की चिंता बढ़ती जा रही है। उधर टिड्डी नियंत्रण संगठन ने खेतों में पहुंचे फाके को नियंत्रण से मना कर दिया। उनका कहना है कि खेतों में केमिकल का छिड़काव नहीं किया जा सकता है।
पाक से आ रही टिड्डी कम हो गई तो अब फाके ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है। सीमा क्षेत्र में बीएसएफ बीओपी के पास से तारबंदी के नीचे होकर करोड़ों की तादाद में फाका रेंग कर पहुंच रहा है। इसके कारण पहले से टिड्डी हमले से पीडि़त किसानों की नींद उड़ गई है।
सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र
बॉर्डर से सटे जुम्मा फकीर की बस्ती, गडरारोड, त्रिमोही, तामलोर, अमीन का पार, लाले का तला, रहलिया, खड़ीन, मालाणा, पादरिया, अकली, सजनानी, मुनाबाव, पांचला, रोहिड़ी, मोती की बेरी, सुंदरा तक लगभग सौ किमी दूरी में तारबंदी के नीचे रेंगते हुए मक्खी के आकार के फाकों के दल लगातार आ रहे हैं। इससे आसपास के खेतों के किसानों की चिंता बढ़ गई है। वहीं बिजावल ग्राम पंचायत के समंध का पार में करोड़ों की संख्या में फाका पहुंचा है।
कैसे करेंगे जीरे की बुवाई
तहसील क्षेत्र में सैकड़ों खेतों में ट्यूबवेलों से सिंचाई होती है। कई जगह जीरा बुवाई की तैयारी चल रही है। किसानों को चिंता है कि जीरे की बुवाई कैसे करें, फाका इतनी बड़ी संख्या में खेतों में घुस चुका है कि नियंत्रण कर पाना मुश्किल हो गया है।
फसल कर चुके चौपट
जीने भील की ढाणी के रतनाराम भील बताते हैं कि फाके का दल जहां बैठता हैं, सब कुछ चौपट कर देता है! मूंग, मोठ, तिल की फसलों को पूरी तरह बर्बाद कर दिया। एक रात में पूरा खेत तबाह हो जाता है।
खेतों में रेंग रहा फाका
रतरेड़ी कला के राजस्व गांव जीणे की बस्ती के पांचराज वणल बताते हैं कि उनके गांव के कई खेतों में फाका रेंग रहा है। लोकस्ट विभाग की टीम को सूचना देकर बुलाया, लेकिन उन्होंने खेतो में छिड़काव नही करना उचित बताया।
तारबंदी के पास ही फाके को करें खत्म
करीम का पार निवासी जबल खान बताते हैं कि तारबंदी के नजदीक ही फाके को खत्म करने के इंतजाम करने चाहिए। जिससे गांवों व खेतों तक पहुंच ही नहीं पाए।
Updated on:
04 Nov 2019 08:10 pm
Published on:
04 Nov 2019 01:23 pm
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