6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

कोरोना के चलते घर पर रहकर ही करें जप, तप व आराधना

साध्वी कैवल्यप्रियाश्री का नगर प्रवेश, सामैया का साथ स्वागत

2 min read
Google source verification
कोरोना के चलते घर पर रहकर ही करें जप, तप व आराधना

कोरोना के चलते घर पर रहकर ही करें जप, तप व आराधना

बाड़मेर. साध्वी कैवल्यप्रियाश्री अन्य दो 2 का गुणसागर सूरि साधना भवन में स्वागत सौमैये के साथ सादगी व सौम्यता से चातुर्मासिक मंगल प्रवेश शुरू हुआ। श्री अचलगच्छ जैन युवक परिषद के अध्यक्ष मुकेश बोहरा अमन ने बताया कि बाड़मेर अचलगच्छ जैन श्रीसंघ में साध्वी कैवल्यप्रियाश्री व अन्य का बाड़मेर नगर प्रवेश चौहटन रोड से हुआ, जहां से साध्वीवृंद का शहर के मुख्य मार्गों चौहटन रोड, रेन बसेरा अस्पताल, महाबार रोड, जैन न्याति नोहरे की गली से होते हुए श्री गुणसागर सूरि साधना भवन में मंगल प्रवेश हुआ।

साधना भवन के द्वार पर श्री अचलगच्छ जैन श्रीसंघ, बाड़मेर की ओर से साध्वीवृंद को बधाया गया।कैवल्यप्रियश्री ने श्रावक-श्राविकाओं से घर पर रहकर जप-तप आराधना-साधना व प्रभुभक्ति करने का आह्वान किया और कोरोना जैसी महामारी से बचाव को लेकर सावधानी बरतने को कहा ।

साध्वी ने कहा कि तप से ही आत्म-कल्याण और कर्म-निर्झरा होती है ।अचलगच्छ जैन श्रीसंघ, बाड़मेर के अध्यक्ष संपतराज वडेरा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। अखिल राजस्थान अचलगच्छ जैन श्रीसंघ के अध्यक्ष बाबूलाल वडेरा ने घर पर रहकर साधना-आराधना करने की बात कही।

बाड़मेर. शहर के साधना भवन में गुरुवार को साध्वीवृंद का अभिनंदन करते श्रद्धालु। आत्मा से जुडऩे का अनुष्ठान है चातुर्मास- साध्वी सौम्यगुणाश्रीसाध्वी सौम्यगुणा का बाड़मेर में नगर प्रवेशबाड़मेर. साध्वी सौम्यगुणाश्री का बुधवार को चातुर्मास को लेकर नगर प्रवेश हुआ।

खरतरगच्छ जैन श्रीसंघ चातुर्मास समिति के अध्यक्ष प्रकाशचंद संखलेचा व उपाध्यक्ष मांगीलाल धारीवाल ने बताया कि सौम्यगुणा व अन्य का नगर प्रवेश पर सामैया महावीर सर्किल स्थित वर्धमान स्वामी जिनालय से प्रारंभ होकर चातुर्मास स्थल जिन कांतिसागरसूरि आराधना भवन पहुंचा। यहां स्वागत कार्यक्रम के बाद साध्वी सौम्यगुणाश्री ने कहा कि वर्तमान समय में कोरोना महामारी ने व्यक्ति को स्वयं से जुडऩे का एक अवसर दिया है।

मनुष्य आज दिन तक पैसे के लिए दिन-रात दौड़धूप करता रहा है, लेकिन वर्तमान में वैश्विक स्तर पर कोरोना रूपी महामारी ने व्यक्ति को संयुक्त परिवार के साथ पुन: जीना सीखा दिया है। ये चातुर्मास स्वाध्याय व साधना से युक्त होगा।


बड़ी खबरें

View All

बाड़मेर

राजस्थान न्यूज़

ट्रेंडिंग