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आबकारी के पास मोबाइल ट्रेस की सुविधा नहीं, पुलिस से मदद मांगे तो सूचना लीक का खतरा

-आबकारी-पुलिस में समन्वय नहीं, इसलिए बढ़ रही शराब तस्करी-विभागों के तंत्र के आगे तस्करों का नेटवर्क पड़ रहा भारी

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Excise does not have mobile trace facility

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बाड़मेर. अवैध शराब व मादक पदार्थों की तस्करी रोकने व अवैध कारोबारियों का नेटवर्क तोडऩे में आबकारी विभाग संसाधनों के अभाव में कमजोर पड़ रहा है। इसके कारण मेगा हाईवे के रास्ते हरियाणा से अवैध शराब की तस्करी लगातार बढ़ रही है। आबकारी विभाग मुखबिरी तंत्र के भरोसे शराब तस्करों पर नकेल कसने कोशिश में है।

लेकिन शराब तस्कर उससे कई कदम आगे बढ़ते हुए हाईटेक हो गए है। इसके चलते शराब के ट्रेलर तक से सप्लाई की जा रही है। एक बार में ही लाखों रुपए की शराब की खेप पहुंचाने की कोशिश लगातार हो रही है। हालांकि पिछले आठ माह में पुलिस ने करीब 4 करोड़ की शराब पकड़ी है। इधर, आबकारी ने करीब डेढ़ करोड़ रुपए की शराब पकडऩे का दावा किया है।

आपराधिक गतिविधियों, मादक पदार्थों की तस्करी रोक के लिए आबकारी के लिए मुखबिरी एक अहम कड़ी है। यहां आबकारी को मुखबिरी के जरिए अवैध शराब परिवहन के वाहन नंबर व मोबाइल नंबर तो मिल जाते हैं, लेकिन मोबाइल नंबर के आधार पर उसकी लोकेशन ट्रेस करने के लिए पुलिस की मदद लेनी पड़ती है। ऐसी स्थिति में आबकारी की खुफिया जानकारी लीक होने का खतरा रहता है।

मेगा हाईवे तस्करों के लिए आसान रास्ता

पंजाब से गुजरात को जोडऩे वाला मुख्य मार्ग मेगा हाईवे अवैध शराब तस्करी का अड्डा बनता जा रहा है। इस रास्ते जानकार शराब तस्कर चंडीगढ़-हरियाणा निर्मित शराब बाड़मेर के रास्ते गुजरात पहुंचा देते हंै। जहां शराबबंदी होने पर बड़ी रकम मिलती है। तस्करों के लिए मेगा हाईवे पर रास्ता पार करना काफी आसान है।

पुलिस ने दो, आबकारी ने एक ट्रेलर पकड़ा

पिछले एक सप्ताह में पुलिस ने दो व आबकारी ने एक ट्रेलर पकड़ा है। तीनों ट्रेलर में अवैध शराब से भरे कार्टन बरामद किए गए। पुलिस के हत्थे चढ़े आरोपियों ने स्वीकार किया था कि यह शराब सांचौर के रास्ते गुजरात पहुंचना था।

व्हाट्सएप कॉल बना मददगार

तस्करों के लिए व्हाट्सएप कॉल मददगार बनता जा रहा है। ऐसी स्थिति में बड़े तस्कर पुलिस की पकड़ में नहीं आते है। गत दिनों धोरीमन्ना पुलिस के हत्थे चढ़े तस्करों ने स्वीकार किया था कि व्हाट्सएप के जरिए कॉल कर होती है। अगले ठिकाने की सूचना भी व्हाट्सएप के जरिए मिलनी थी, उससे पहले पुलिस ने पकड़ लिया था।

पुलिस कार्रवाई एक नजर

- 8 माह में दर्ज किए 347 मामले
- 15 वाहन किए जब्त

- करीब 4 करोड़ अवैध शराब पकड़ी

आबकारी की कार्रवाई एक नजर

- आठ महीनों में 3 ट्रक किए जब्त

- करीब डेढ़ करोड़ की शराब पकड़ी
- संसाधन कम है, फिर भी अच्छी कार्यवाही

जिले में पुलिस के मुकाबले संसाधन बहुत कम है। इसके बावजूद आबकारी विभाग समय-समय पर अवैध शराब के खिलाफ कार्यवाही करता है। मोबाइल ट्रेस नहीं कर पाते है। मुखबिरी तंत्र मजबूत है।
- देवेन्द्र दसोरा, जिला आबकारी अधिकारी, बाड़मेर


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