
- धर्मवीर दवे
बाड़मेर/बालोतरा। अनार के रुप में प्रदेश में अनूठी पहचान बना चुके बाड़मेर जिले के मेहनतकश किसानों ने अब अंजीर की खेती ( fig Farming in Rajasthan ) में भाग्य अजमाया है। सिवाना क्षेत्र के आधा दर्जन गांवों में करीब 15 हजार अंजीर ( anjeer ) के पौधे खेतों में लहलहा रहे हैं। मार्च में पहली बार इसकी पैदावार आएगी। सिवाना, पंऊ, सिणेर, मिठौड़ा, धीरा, कुशीप, जीनपुर आदि गांवों के करीब दो दर्जन किसानों ने गत वर्ष जुलाई-अगस्त माह में अपने खेतों में अंजीर के पौधों की बुवाई की थी। करीब 2.5 से 3 फीट ऊंचाई में इन दिनों अंजीर के पौधे लहलहा रहे हैं। इन पर फल लगने शुरू हुए हैं। करीब तीन-चार माह में पककर तैयार होंगे।
अनार सी खेती
किसानों के अनुसार अनार के समान ही अंजीर की खेती होती है। अनार के पौधे होते हंै और अंजीर में कलम रोपी जाती है। अंजीर की कलम छोटी होती है। शुरुआत में अधिक तापमान सहन नहीं कर सकती है। तैयार पौधा 45 से 50 डिग्री सेल्सियस तापमान सहने की क्षमता रखता है। 3 हजार टीडीएस क्षमता का पानी, क्षेत्र की जलवायु इसके अनुकूल है। मिठौड़ा के किसान त्रिलोकसिंह ने बताया कि अंजीर के 500 पौधे लगाए हैं। मेहनत पर कम समय में ही इनकी अच्छी बढ़ोतरी हुई है। फल लगने शुरू हुए हैं। मार्च में फसल पकेगी। बाजार में इसकी अधिक कीमत है।
स्वास्थ के लिए लाभदायक है अंजीर
ऐसा माना जाता है कि पृथ्वी पर पाए जाने वाले सबसे पुराने फलों में से एक अंजीर है। अत्यंत स्वादिष्ट अंजीर और पोषक तत्वों से भरपूर फल अंजीर का इस्तेमाल एक स्वास्थ्यवर्धक के रूप में इस्तेमाल होता है। अंजीर में विटामिन ए, बी1, बी2, कैल्शियम, आयरन और फास्फोरिक जैसे कई लाभकारी तत्व पाए जाते हैं। इसे फल और ड्राईफ्रूट दोनों प्रकार से खाया जाता है।
थार में हो सकती है कैफीन फ्री कॉफी और ग्रीन टी की खेती
वहीं इधर जोधपुर में थार के रेगिस्तान में कैफीन फ्री कॉफी यानी चिकोरी और ग्रीन टी की खेती के लिए प्रयास शुरू हो गए हैं। कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर ने चिकोरी और कैमोमाइल ग्रीन टी के बीज मंगवाकर अपने फील्ड में रोपा है। मार्च-अप्रैल में बेहतर फसल होने पर स्थानीय स्तर पर बीज तैयार कर किसानों को दिए जाएंगे। प्रदेश में कॉफी व ग्रीन टी की संभवत: यह पहली खेती होगी। ऑर्गेनिक इंडिया की ओर से कृषि विवि को बीज की आपूर्ति की गई है। चिकोरी व ग्रीन टी दोनों ही शीत ऋतु की फसलें हैं। कुछ समय से चिकोरी से बनने वाले पेय को कॉफी के विकल्प के तौर पर पसंद किया जा रहा है।
Updated on:
06 Dec 2019 09:30 am
Published on:
06 Dec 2019 08:50 am
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