5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

जीरे के उत्पादन के साथ गुणवत्ता पर दें ध्यान

वैज्ञानिक उत्पादन तकनीकपर कृषक वैज्ञानिक संवाद कार्यक्रम का आयोजन

less than 1 minute read
Google source verification
जीरे के उत्पादन के साथ गुणवत्ता पर दें ध्यान

जीरे के उत्पादन के साथ गुणवत्ता पर दें ध्यान

बाड़मेर.कृषि विज्ञान केन्द्र दांता बाड़मेर में जीरे की वैज्ञानिक उत्पादन तकनीकपर कृषक वैज्ञानिक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

दक्षिण एशिया जैवप्रौद्योगिकी केन्द्र जोधपुर के निदेशक एवं एपीडा के सदस्य डॉ.़ भागीरथ चौधरी ने बाड़मेर जिले में जीरा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए जैविक खेती एवं कम रसायनों के प्रयोग पर कृषकों को अच्छा उत्पादन मिले पर विचार व्यक्त किए। उन्होंने जीरे की फसल में लगने वाले रोग एवं कीटों की रोकथाम के लिए ट्राईकोडर्मा एवं कीटों की रोकथाम में यलोस्ट्रीप के प्रयोग करने की सलाह दी।

स्पाईस बोर्ड भारत सरकार के उपनिदेशक एम.वाई हुनुर ने कहा कि जीरे के उत्पादन के साथ साथ उसकी गुणवत्ता पर किसानों को ध्यान देना अति आवष्यक है जिससे बाड़मेर जिले के जीरे का निर्यात करने में आसानी होगी। काजरी जोधपुर के सेवानिवृत प्रधान वैज्ञानिक डॉ.ड़ी. कुमार ने बताया कि मिट्टी की गुणवत्ता दिन प्रतिदिन खराब होने के कारण उत्पादन में बढ़ोतरी नहीं हो पा रही है। कृषक अपनी मिट्टी में जैविक खाद जैसे- कम्पोस्ट, वर्मीकम्पोस्ट, एवं बींगड़ी खाद का प्रयोग कर अच्छा उत्पादन प्राप्त सकते है। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. विनय कुमार ने केन्द्र की ओर से चलाई जा रही विभिन्न गतिविधियों की जानकारी देते हुए जिले में जीरा उत्पादन में वृद्धि एवं गुणवत्ता व उनका प्रबन्ध को लेकर विचार व्यक्त किए।

पादप संरक्षण शंकरलाल कांटवा ने बताया कि मृदा स्वास्थ्य कार्ड एवं फसल चक्र अपनाकर जीरे के उत्पादन में वृद्धि की जा सकती हैं। दक्षिण एशिया जैवप्रौद्योगिकी केन्द्र के डॉ. संदीप एगल, डॉ.़ नरेश व केवीके के विषय विशेषज्ञ बुद्वाराम मोरवाल, डॉ.़सोनाली शर्मा, कार्यक्रम सहायक रेखा दातवानी, रामअवतार पारीक व गोविन्द मौजूद रहे।-


बड़ी खबरें

View All

बाड़मेर

राजस्थान न्यूज़

ट्रेंडिंग