दो महीने की दवा एक साथ
क्रोनिक बीमारियों के मरीजों को लंबे समय तक दवा लेनी पड़ती है। ऐसे में मोबाइल मेडिकल वैन संबंधित जोन में पहुंचकर वहां पहले से चिह्नित मरीजों को ओपीडी में दी जाने वाली दवा उपलब्ध करवाएगी। ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि एक बार में तीन माह की दवा दे दी जाए। जिससे मरीजों को दवा की कमी नहीं रहे और निर्बाध चिकित्सा सुविधा मिलती रहे।
चिकित्सक भी जाएंगे जांच करने
प्रत्येक दो महीने में चिकित्सक भी ऐसे मरीजों की जांच करने के लिए गांवों तक जाएंगे। साथ ही दवा वितरण के लिए फार्मासिस्ट की सेवाएं भी प्रत्येक राजस्व गांव तक मरीजों को उपलब्ध करवाई जाएगी। जहां पर मोबाइल वैन उपलब्ध नहीं है। ऐसे क्षेत्र में किराए पर वाहन लेकर मरीजों को चिकित्सा सेवाएं दी जाएगी।
जांच की सुविधा भी घर तक
निशुल्क दवा वितरण डोर स्टेप तक में जांच के लिए लैब टेक्नीशियन व नर्सिंग केयर के लिए कार्मिक भी मरीजों के गांव व घर तक जाएंगे। वहां मरीज को जांच के साथ नर्सिंग केयर की सुविधा भी उपलब्ध करवाई जाएगी।
रूट चार्ज बनाकर पहुंचेंगे प्रत्येक गांव तक
योजना के तहत चिकित्सा टीम रूट चार्ज बनाकर प्रत्येक राजस्व गांव तक जाएगी। इसमें ऐसी व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं कि ब्लॉक या शहरी जोन संपूर्ण कवरेज दो महीने में एक बार पूरी तरह से हो जाए। जिसमें कोई भी क्रोनिक बीमारी पीडि़त निशुल्क दवा योजना से वंचित नहीं रहे। चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख शासन सचिव ने इसके लिए बुधवार को निर्देश जारी किए हैं।