अब तक 2020
– 768.28 लाख मैट्रिक टन तेल का हुआ है उत्पादन
– 35000 करोड़ अब तक दिया राजस्व
– 70000 करोड़ का अब तक हुआ निवेश
– 38 तेल कुओं से उत्पादन
-1.75 लाख बैरल प्रतिदिन उत्पादन
-15 करोड़ मिल रहे है प्रतिदिन राजस्व
– 3111 वर्ग किमी में है तेल ब्लॉक
– 783 कुएं अब तक बाड़मेर में खोदे गए
– 10 नए ब्लॉक, 07 बाड़मेर में
– 1.50 लाख करोड़ का नया निवेश
– 3.50 लाख बैरल प्रतिदिन उत्पादन का लक्ष्य
– 50 करोड़ प्रतिदिन पहुंच जाएगा राजस्व
-6000 वर्ग किमी में होंगे अब तेल ब्लॉक
– 1000 नए कुएं खोदे जाएंगे बाड़मेर में
– हमारी रिफाइनरी मेगा प्रोजेक्ट-43129 करोड़
– 43129 करोड़ की पचपदरा रिफाइनरी के लिए अब तक 38 हजार करोड़ की कार्यस्वीकृति हो चुकी है। पेट्रोकेमिकल युनिट के साथ 13 रिफाइनरी युनिट पर काम होगा। 10 हजार से अधिक लोग काम करेंगे। प्रदेश का मेगा प्रोजेक्ट रिफाइनरी 2022 में शु रू होगा। 2021 सबसे महत्वपूर्ण साल है।
– हमारा रागेश्वरी डीप गैस प्लांट- 75 करोड़ घनफीट गैस प्रतिदिन
– देश के सबसे बड़े दोहन योग्य ज़मीनी प्राकृतिक गैस भंडार के साथ रागेश्वरी डीप गैस प्लांट हाइड्रोकार्बन क्षेत्रों से 75 करोड़ घन फीट प्राकृतिक गैस प्रतिदिन उत्पादित करेगा। रागेश्वरी क्षेत्र में 3 ट्रिलियन घन फ़ीट गैस का भंडार मौजूद है और नए प्लांट की आभा ये संकेत देती है कि ये समृद्धि के नए इतिहास को लिखेगा।इस में 50 लाख घन फीट प्राकृतिक गैस नए गैस क्षेत्रों से और 25 करोड़ घन फीट गैस मंगला और अन्य छोटे तेल क्षेत्रों से संलग्न गैस के रूप में प्राप्त की जाएगी।
– मंगला-3.50 लाख बैरल प्रतिदिन पहुंचेगी
मंगला प्रोसेसिंग टर्मिनल में अभी 1.75 लाख बैरल प्रतिदिन तेल की प्रोसेसिंग हो रही है। वेदांता ने तय किया कि देश का पचास प्रतिशत तेल उत्पादन बाड़मेर से हों इसके लिए मंगला का द्वितीय चरण 2017 में प्रारंभ किया गया, जो 2021 में उत्पादन को तैयार होगा। 5000 करोड़ के इस नए विस्तारिकरण बाद 3.50 लाख बैरल प्रतिदिन तेल का उत्पादन बाड़मेर से होगा।
-अरब से आएगा तेल
बाड़मेर रिफाइनरी के लिए अरब मिक्स तेल की जरूरत रहेेगी। इसके लिए पचपदरा से जामनगर तक पाइपलाइन बिछनी है। बाड़मेर को दुबई बनाने का सपना आगे बढ़ेगा और अरब से तेल हमारी रिफाइनरी तक पहुंचेगा। रेगिस्तान में इस शुरूआत को बहुत बड़ा कदम माना जा रहा है। इसके लिए कार्य 2021 में ही पूर्ण होना है।
– पेट्रोकेमिकल हब
बाड़मेर रिफाइनरी के साथ करीब 6000 करोड़ का पेट्रोकेमिकल हब बन रहा है। इसमेें 129 तरह के उत्पाद की इकाइयां लगेगी। रसायनिक उत्पादों की इन इकाइयों से रोजगार की असीम संभावनाएं खुल जाएगी। रिफाइनरी तेल का राजस्व तो सीधा राज्य को जाएगा लेकिन ये इकाइयां बाड़मेर से जोधपुर के बीच में उद्योग के बड़े हब का मार्ग प्रशस्त करेगी।