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आधे दाम में नीलाम हो रही किसानों की पूरी मेहनत

- बारिश से ग्वार के दाने प्रभावित, नहीं मिली सामान्य से भी कम मजदूरी

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Guar affected by rain, lower wages than normal

Guar affected by rain, lower wages than normal

बाड़मेर. गडरारोड सीमावर्ती क्षेत्र में ओलावृष्टि से ग्वार की फसल खराब हो गई। इसका दाने में कालेपन के कारण फसलों की कीमत आधे से भी कम दरों में बिक रही है। ऐसे में नीलाम करने को मजबूर किसानों के पास कोई विकल्प नहीं है।

बाजार में जहां ग्वार की कीमत 40 से 50 रुपए प्रति किलोग्राम है, वहीं काले दाने का ग्वार 20 से 25 रुपए प्रति किलो के भाव से बिक रहा है।

बाजरा, मोठ, तिल, मूंग की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई। पिछले 6 माह से खरीफ की फसल बोए हुए किसानों को न्यूनतम मजदूरी भी नहीं मिल पा रही है।

सरकार चला रही आश्वासन से काम

वर्ष 2018 में कई गांवों में पूर्णतया अकाल पड़ा। इससे घास का तिनका भी नहीं हुआ। इससे हजारों पशु भी काल कवलित हो गए। वहीं सरकार 2018 का शत-प्रतिशत बीमा क्लेम देने का भी वायदा पूरा नहीं कर रही है।

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हाइटेंशन लाइन से अटका विद्यालय भवन निर्माण

- हटाने के लिए डिस्कॉम ने मांगे 88 हजार

बाड़मेर. चौहटन निकटवर्ती खारिया राठौड़ान गांव स्थित रामावि के नवनिर्मित भवन परिसर के ऊपर से गुजर रही हाइटेंशन लाइन से हादसे का खतरा बना हुुआ है।

वहीं डिस्कॉम के अधिकारी इसे हटाने के लिए 88 हजार 2 सौ रुपए का डिमांड जमा रिवाने की बात कर रहे हैं। विद्यालय प्रबंधन इतनी राशि चुकाने में सक्षम नहींं होने के चलते विद्यालय का भवन निर्माण भी बाधित हो रहा है।

खारिया राठौड़ान के पूर्व सरपंच उदयभानसिंह राठौड़ ने बताया कि विद्यालय भवन के ऊपर से 11 केवी की लाइन गुजर रही है। इससे कार्य तो बाधित हो ही रहा है वहीं स्कूली बच्चों पर भी खतरा मंडरा रहा है।

मालानी बंद के निर्णय के विरोध में होगा जन आंदोलन

बाड़मेर. बाड़मेर को दिल्ली तक जोडऩे वाली मालाणी एक्सप्रेस बंद करने के निर्णय के विरोध में गठित मालानी बचाओ संघर्ष समिति बड़े स्तर पर जन आंदोलन करेगी। यह जानकारी समिति संयोजक आजादसिंह राठौड़ ने बुधवार को दी। उन्होंने बताया कि मालानी को बंद कर मण्डोर का संचालन करना बाड़मेर के लिए फायदेमंद नहीं है।

मालानी बंद होने से मजदूर व कर्मचारी के साथ आमजन प्रभावित होगा। उन्होंने बताया कि मालानी बंद के विरोध में कई संगठन व जनप्रतिनिधि आगे आए है। केन्द्र सरकार से मांग करते हंै कि मण्डोर के साथ-साथ मालानी का संचालन यथावत रखा जाए।

मालानी बंद के विरोध में सांकेतिक धरने दिए जाएंगे। जरूरत पड़ी तो दिल्ली जाकर विरोध करेंगेे। केन्द्र सरकार हमारी भावनाओं को देखते हुए मालानी को बंद करने का निर्णय वापस लें।

यह निर्णय बाड़मेरवासियों के लिए नुकसान देगा। मण्डोर संचालन का समय भी ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि मालानी एक्सप्रेस में जिले के प्रतिदिन हजारों लोग यात्रा करते हैं।


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