
इधर प्रशासन गांवों के संग, उधर, शिक्षक तबादले को लेकर चिंतित
बाडमेर. पहले विधानसभा फिर पंचायतराज चुनाव और अब प्रशासन गांवों के संग अभियान ने हजारों शिक्षकों के लिए तबादलों को लेकर लम्बा इंतजार करवा दिया है। सालों बाद तबादले की आस तो जगी पर अभी तक इंतजार ही हो रहा है। इसके चलते प्रदेश के ८५ हजार तृतीय श्रेणी शिक्षक हर दिन सुबह उठते ही यह खबर की उम्मीद करते हैं कि आज सूची आ रही है लेकिन शाम होते-होते फिर अगले दिन का इंतजार शुरू हो जाता है। प्रदेश में सरकारी विद्यालयों में कार्यरत तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले करीब एक दशक से नहीं हुए हैं।
हर बार वरिष्ठ अध्यापकों, व्याख्याताओं व प्रधानाचार्य आदि के स्थानांतरण हो जाते हैं लेकिन इनका नम्बर नहीं आता। इस बार सरकार ने इनके लिए राहत देते हुए तबादले करने की मंजूरी तो दी लेकिन अभी भी ट्रांसफर नहीं हो रही है। बार-बार अडंग़ा,शिक्षक परेशान- तृतीय श्रेणी शिक्षक स्थानांतरण में बार-बार अड़ंगा आ रहा है। पहले तो एक दशक तक तबादलों को लेकर इंतजार करना पड़ा। इसके बाद पहले व्याख्याताओं, वरिष्ठ अध्यापकों के तबादले हुए लेकिन इनसे आवेदन तक नहीं मांगे गए।
इसके बाद तबादलों को लेकर आवेदन मांगे तो स्थानांतरण का दौर शुरू नहीं हुआ। अब पहले विधानसभा सत्र चला तो लगा कि सत्र खत्म होते ही सूची आ जाएगी लेकिन एेसा नहीं हुआ।
इसके बाद पंचायतराज चुनाव, नगरीय चुनाव आ गए तो आचार संहिता लगने पर सूची अटक गई। अब प्रशासन गांवों के संग अभियान शुरू हो गया तो फिर से इंतजार की चिंता शिक्षक जता रहे हैं।
75 हजार आवेदन- तृतीय श्रेणी शिक्षक तबादलों को लेकर इंतजार का आलम यह है कि मात्र सात दिन में ही ८५ हजार शिक्षकों के तबादले के लिए ऑनलाइन आवेदन कर दिए। इतनी ज्यादा तादाद होने से शिक्षा विभाग के साथ सरकर के लिए भी परेशानी है कि तबादले किस आधार पर किए जाए।
जल्द हो तबादले- अब शिक्षा सत्र शुरू हो गया है, एेसे में जल्द से जल्द तबादले होने चाहिए जिससे कि तृतीय श्रेणी शिक्षकों का वर्षों का इंतजार खत्म हो।- भंवरसिंह करनोत आराबा, शिक्षक नेता
राहत की उम्मीद- हमने तबादलों के लिए लम्बा इंतजार किया है। अब सरकार जल्द ही तबादले कर राहत प्रदान करे। बाकी शिक्षकों के तबादले हो रहे हैं तो फिर हम वंचित क्यों रहें।- रेणु चौधरी
Published on:
03 Oct 2021 12:31 am
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