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उच्च स्तर की स्कू  ल पांच किमी से ज्यादा दूर, पैदल पढऩे जा रहे मासूम

स्कू  ल डेढ़ दशक से लेकर पांच दशक से अधिक समय से क्रमोन्नति का कर रहे इंतजार

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उच्च स्तर की स्कू  ल पांच किमी से ज्यादा दूर, पैदल पढऩे जा रहे मासूम

उच्च स्तर की स्कू  ल पांच किमी से ज्यादा दूर, पैदल पढऩे जा रहे मासूम

केस संख्या एक- राउप्रावि सादुलाणियों का तला ब्लॉक बाड़मेर१९६४ में प्राथमिक विद्यालय स्वीकृत हुआ। १९८४ में उच्च प्राथमिक में क्रमोन्नत हुआ जिसके बाद ३७ साल से विद्यालय को क्रमोन्नति का इंतजार है।

केस संख्या दो- राउप्रावि पचपदरा साल्ट ब्लॉक पाटोदी उच्च प्राथमिक विद्यालय में क्रमोन्नत १९६७ में हुआ था। ५४ साल से विद्यालय उच्च प्राथमिक ही है। आसपास के विद्यालय क्रमोन्नत हो गए लेकिन इस पर सरकार की अब भी नजर नहीं पड़ी।

केस संख्या तीन- रा प्रा वि कोलियाना, ब्लॉक धोरीमन्ना स्कू ल 1984 में खुला था। इसके बाद ३७ साल का लम्बा समय हो चुका है। दो पीढि़या इस स्कू ल से पढ़ कर निकल चुकी है और विद्यालय अभी तक प्राथमिक ही है। खास बात यह है कि यह ग्राम पंचायत मुख्यालय है जहां सरकारी नियमानुसार उच्च माध्यमिक स्कू ल होना चाहिए लेकिन यहां तो उच्च प्राथमिक का भी इंतजार है।

दिलीप दवे बाड़मेर. सालों पहले जिस राह पर पैदल चल कर मां-बाप स्कू ल जाते थे, वहीं डगर अब भी उनके बेटे-बेटियों को नापनी पड़ रही है। यह स्थिति जिले की १२८ स्कू लों की हैं जो सालों से क्रमोन्नति का इंतजार कर रही है। स्कू ल क्रमोन्नत नहीं होने पर दो पीढि़यां तो पैदल चल कर आगे की पढ़ाई करने को मजबूर हो चुकी है, अब चिंता यह है कि क्या तीसरी पीढ़ी को भी वहीं दंश भुगतना होगा।

पांचवीं, आठवीं तक की इन स्कू लों में पढऩे वाले बच्चे दसवीं व बारहवीं के लिए पांच-आठ किमी पैदल जा रहे हैं।बच्चों को पढऩे के लिए घर से ज्यादा दूर नहीं जाने पड़े इस सोच के साथ सरकार ने प्रत्येक ग्राम पंचायत मुख्यालय पर सीनियर सैकेण्डरी स्कू ल खोलने की घोषणा कर रखी है।

वहीं घर से एक-दो किमी दूर मासूम नहीं जाए इसलिए प्राथमिक स्तर के स्कू ल ढाणी-ढाणी खुले हुए हैं, बावजूद इसके जिले में सवा सौ से ज्यादा स्कू ल एेसे हैं जो सरकार की नजर में नहीं आए इसलिए वे सालों से क्रमोन्नत नहीं हुए हैं। सबसे चिंता की बात यह है दो-चार स्कू ल तो करीब ४५-५५ साल से प्राथमिक स्तर के ही है।

अब तो इन स्कू लों के भवन में बता रहे हैं कि स्कू ल कब से प्राथमिक स्तर का ही है। बावजूद इसके क्रमोन्नत नहीं हो रहे हैं।

इन स्कू लों को भी क्रमोन्नति का इंतजार- राप्रावि बिलासर ब्लॉक सिणधरी को १९९२ से, राप्रावि. ठाकुर खेड़ा मज़लब्लॉक समदड़ी को १९८४ से, राप्रावि भागभरे की बेरी, ब्लॉक धोरीमन्ना को १९८४ से, मुढ़णों की ढाणी ब्लॉक शिव को १९७६ से प्राथमिक से उच्च प्राथमिक में क्रमोन्नति का इंतजार है। वहीं, डुंगरानियों की ढाणी ब्लॉक गिड़ा१९९५ से, सुजानिया नाडिया ब्लॉक बायतु १९९९ से उच्च प्राथमिक होने की बाट जोह रहा है। राउप्रावि दूधिया कला ब्लॉक धोरीमन्ना को १९७६ से, राप्रावि भोजावास ग्राम पचायत डेलूओं का तला ब्लॉक धनाऊ को तीस साल से क्रमोन्नति का इंतजार है। राप्रावि बिलासर ब्लॉक सिणधरी को १९९२ से, राउप्रवि बागुंडी ब्लॉक बालोतरा को १९८६ से, राप्रावि उमाणियों का तला, ग्राम पंचायत चाडार मदरूप ब्लॉक रामसर को १९७२ से क्रमोन्नत होने की उम्मीद पाले हुए हैं।

कई स्कू लें लम्बे समय से नहीं क्रमोन्नत- ब्लॉक कई स्कू लें लम्बे समय से क्रमोन्नत नहीं हु्रई है। यह सरकार के स्तर का मामला है। विभिन्न मापदंड के आधार पर स्कू लें क्रमोन्नत होती है। हम तो समय-समय पर रिपोर्ट भेज देते हैं। - अमरदान चारण, एसीबीईओ शिव


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