
Illegal mining on government land in hilly region, responsible silence
दलपत धतरवाल.
बालोतरा. रिफाइनरी का काम शुरू होते ही अवैध खनन भी धड़ल्ले से होने लगे हैं। माफिया आस-पास के गांवों में जारी लीज के अलावा सरकारी व ओरण-गोचर भूमि पर मशीनरी स्थापित कर चांदी कूट रहे हैं। इससे स्थानीय ग्रामीण व वैध लीज धारक भी परेशान हैं। प्रशासन भी सुनवाई कर थक चुका है, लेकिन कार्रवाई नहीं हो रही क्यों कि अवैध खनन में रसूखदार शामिल हैं और जनप्रतिनिधि भी भागीदार हैं।
मामला है क्षेत्र के समीपवर्ती असाड़ा गांव का। रिफाइनरी में उपयुक्त होने वाली पत्थर, कंक्रीट, मूंगिया की 80 फीसदी से ज्यादा आपूर्ति यहां से होती है। खनन में होने वाली कमाई में जनप्रतिनिधि व रसूखदार भी शामिल हैं।
जो स्वयं का काम चलाने के साथ अन्य लीजों को ठेके पर देकर चांदी कूट रहे हैं अवैध खनन की जानकारी प्रशासन को होने के बावजूद अधिकारी चाहकर भी कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं।
सरकारी भूमि पर मशीनरी लगा कर रहे खनन
असाड़ा गांव में कई जनों ने रिफाइनरी में पत्थर खनन की लीज ले रखी है। जहां से वे क्रेशर मशीन से पत्थर के साथ मूंगिया व कंक्रीट की आपूति करते हैं। बड़ी बात यह कि खननकर्ता लीज के नियमों को ताक पर रखकर आस-पास की सरकारी जमीन पर खनन करने के साथ मशीनें लगाकर कामकाज चला रहे हैं। असाड़ा में एक फर्म ने
गैर मुमकिन पहाड़ी भूमि पर अवैध तरीके से क्रेशर प्लांट लगा रखा है। यहां से प्रतिदिन डम्परों से कंक्रीट व मूंगिया की आपूर्ति की जाती है। लंबे समय से चल रहे इस काम को देखते हुए आस-पास के अन्य खननकर्ता भी सरकारी भूमि पर अपना काम चला रहे हैं।
केंद्रीय राज्य मंत्री ने भी लगाए थे आरोप
रिफाइनरी कार्य में स्थानीय रसूखदार के हस्तक्षेप को लेकर केंद्रीय राज्य मंत्री कैलाश चौधरी भी लगातार आरोप लगा रहे हैं। गत दिनों आमसभा व मीडिया से रूबरू होने के दौरान उन्होंने सतारुढ़ पार्टी के नेताओं के हस्तक्षेप के चलते उनके लोगों के कामकाज में दखलअंदाजी को लेकर आरोप लगाए थे।
व्यू
अवैध खनन आवंटन से ज्यादा जमीन पर लगी मशीनरी
कुछ दिन पहले मौके पर गए थे, आवंटन से ज्यादा जमीन पर मशीनरी लगी थी। इतने दिन चुनाव में व्यस्त थे। अब मामले को देखेंगे।
- भरत जीनगरए पटवारी असाड़ा
Published on:
04 Dec 2019 04:28 pm
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