
जैन संस्कार बने जन-जन की विधि
बाड़मेर. रक्षाबंधन कार्यशाला का आयोजन मुनि स्वस्तिककुमार व सुपाश्र्वकुमार के सानिध्य में हुआ। संस्कारक पुष्पराज कोठारी, रोशन वागरेचा, पवन छाजेड़, पवन मांडोत ने मंत्र उच्चारण के साथ जैन संस्कार विधि से रक्षाबंधन कार्यशाला करवाई।
कन्या मंडल ने रक्षाबंधन पर गीतिका प्रस्तुत की। रोशन वागरेचा बताया कि अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के निर्देशन में जैन संस्कार विधि सेे विवाह, सगाई,जन्मोत्सव, नामकरण, संस्कार, अंतिम संस्कार ,स्मृति सभा आदि कार्यक्रम करवाए जाते हैं।
सभी को जैन संस्कार विधि अपनाने की प्रेरणा दी। मुनि सुपाश्र्वकुमार ने गीतिका महावीर प्रभु के चरणों में का गायन किया। मुनि स्वस्तिककुमार ने परिवार में हम किस तरह इन संस्कारों को अपना सकते हैं, पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि जैन संस्कार विधि सिर्फ अपनी ही नहीं जन-जन की विधि बने इस बारे में हमें प्रयत्न करना चाहिए। परिवार में कोई भी प्रकार का कार्य हो उसमें हमारी प्राथमिकता जैन संस्कार विधि रहे। मूर्तिपूजक मुनिराज सुमति सागर ने कार्यक्रम का अवलोकन किया।
आभार ज्ञापित तेरापंथ युवक परिषद अध्यक्ष संदीप गोलेछा ने किया।
Published on:
17 Aug 2021 11:37 pm
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