बाड़मेर के श्रवण की किडनी ट्रांसप्लाट के खर्चे के लिए पहले ही दिन 50 मददगारों ने बढ़ाया हाथ
-किडनी देने को तैयार पिता ट्रांसप्लांट के खर्चे को लेकर थे परेशान
-पत्रिका में खबर प्रकाशन के बाद मददगारों की लगी कतार

बाड़मेर. बाड़मेर जिले के माडपुरा बरवाला के श्रवण कुमार के किडनी ट्रांसप्लाट के खर्चे में मददगार बनने वालों की पहले ही दिन कतार लग गई। एक ही दिन में मंगलवार को उनकी मदद के लिए 41 लोगों ने सहयोग करते हुए श्रवण के बैंक खाते में राशि जमा करवाई। इससे पिता की चिंता कुछ कम हुई है।
सियागों की ढाणी के रहने वाले हनुमानराम के पुत्र श्रवण की दोनों किडनियां खराब है और चिकित्सकों ने ट्रांसप्लांट करवाने की सलाह दी है। पिता अपनी एक किडनी पुत्र को देने को तैयार हो गए और जांच भी करवा दी। जब ट्रांसप्लांट के खर्चे की बात आई तो पिता चिंतित हो गए कि लाखों रुपए कहां से लाएंगे। जो पैसे पास में थे श्रवण की बीमारी में खर्च हो गए और इकलौता पुत्र ही घर का कमाऊ सदस्य था, जो पिछले 8 महीनों से बिस्तर पर है।
पत्रिका की मुहिम बनी मददगार
उल्लेखनीय है कि राजस्थान पत्रिका के 23 फरवरी के अंक में प्रकाशित समाचार 'इकलौते बेटे को किडनी देने को तैयार पिता, ट्रांसप्लांट के पैसे का कैसे हो इंतजामÓ में एक पिता की पीड़ा और पुत्र की बीमारी को उजागर किया गया था। समाचार प्रकाशन होते ही श्रवण की मदद के लिए लोगों की कतार लग गई। सबसे पहले रेलवे कार्मिक चेतन कुमार सियाग ने 10 हजार का सहयोग देते हुए शुरूआत की। इसके बाद तो मददगारों की कतार ही लग गई। एक ही दिन में 50 से अधिक लोग आगे और और श्रवण के किडनी ट्रांसप्लांट में लगने वाली राशि में सहयोग के लिए हाथ बढ़ाया।
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