6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Good News: मरीजों को राहत, हार्ट और बीपी समेत इन दवाइयों के घटे दाम

मरीजों के लिए बड़ी राहत की खबर है। देशभर में केंद्र सरकार ने 651 तरह की दवाइयों के दाम घटाए गए है। दवाइयों की कीमत में औसतन 6.73 फीसदी तक कमी आई है।

2 min read
Google source verification
medicines.jpeg

बाड़मेर @ पत्रिका. मरीजों के लिए बड़ी राहत की खबर है। देशभर में केंद्र सरकार ने 651 तरह की दवाइयों के दाम घटाए गए है। दवाइयों की कीमत में औसतन 6.73 फीसदी तक कमी आई है। दवाओं के नए रेट एक अप्रेल से लागू कर दिए गए है। केंद्र सरकार इसके लिए नोटिफिकेशन भी जारी कर चुकी है।

जानकारों का मानना है कि पहली बार एक साथ 900 दवाइयों के दाम में बदलाव किया गया है। यह मरीजों के लिए बड़ी राहत है। इससे दवा का खर्च काफी कम हो जाएगा।


यह भी पढ़ें : स्क्रीनिंग कार्यक्रम की चौंकाने वाली रिपोर्ट, कोरोना के बाद ये बीमारियां पसार रही पैर

दवाइयों की रेट में कमी आने के बाद कंपनियां पुराने बैच वाली दवाइयों की दर को घटा कर बाजार में भेज रही है। रि-प्राइसिंग में दाम घटाए जा रहे है। कंपनियां पुरानी दर को इरेज करते हुए नई रेट प्रिंट कर रही है।

लम्बे उपचार की दवाइयां हुई सस्ती
ब्रांडेड दवाइयों में ऐसी दवाओं के दाम घटाए गए है जिनकी खपत बाजार में सर्वाधिक है। इसमें ब्लड प्रेशर, शुगर, हार्ट के अलावा मानसिक रोग के उपचार में काम ली जाने वाली दवाइयां शामिल है। ऐसे रोगों की दवाइयां लम्बे समय तक चलती है। कई दवाइयां रोगों के नियंत्रण में काम आती है, इसके चलते ऐसी दवाइयों की बिक्री सबसे अधिक होती है। इस प्रकार की दवाइयों की रेट में 7 से 10 फीसदी तक कमी हुई है।

यह भी पढ़ें : इस मानसून में झमाझम बारिश को लेकर बड़ा अपडेट, अलनीनो दिखाएगा असर

स्टोर्स पर कई दवाइयां अभी पुरानी रेट वाली
रेट कम करने के बाद भी अभी तक सभी दवाइयां दुकानों तक नहीं पहुंची है। मेडिकल स्टोर्स पर कुछ दवाइयां नई रेट की आ गई है। लेकिन अभी भी काफी दवाइयां पुरानी रेट की भी है। दवा विक्रेता बताते हैं कि वह तो एमआरपी के हिसाब से ही बेचते हैं। कंपनियां जो रेट निर्धारित करती है, उसी के अनुसार ग्राहक को देते है। नई रेट की दवाइयां धीरे-धीरे बाजार में आ रही है। जिसमें रेट कम आई है।

कपनियां तय करती है दर, इतना स्टॉक नहीं रहता
कुछ दवाइयों की रेट वापस बढ़ा दी है। स्टॉक नहीं रहता है। कंपनियों ने दाम घटने पर स्टीकर लगाकर कम एमआरपी दी थी, उसी पर दवा बेच रहे है। दर कंपनी तय करती है और वो जो एमआरपी लिखती है, उसी पर दवा को विक्रेता बेचता है। दवा के दाम घटने पर घटे दाम में बेचा जाएगा और दाम बढ़ेंगे तो बढ़े दाम पर। इसमें स्टॉक की संभावना नहीं के बराबर रहती है।
-बद्रीप्रसाद शारदा, सचिव केमिस्ट एसोसिएशन बाड़मेर


बड़ी खबरें

View All

बाड़मेर

राजस्थान न्यूज़

ट्रेंडिंग