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Lok Sabha Election 2024 : गहलोत के आने से ऐन पहले सचिन पायलट हो गए रवाना, जानें पूरा मामला

Gehlot - Pilot Relation : लोकसभा चुनाव 2024 के बीच बाड़मेर में बुधवार को आयोजित कांग्रेस प्रत्याशी उम्मेदाराम बेनीवाल की नामांकन सभा में पूर्व सीएम अशोक गहलोत के आने से ऐन पहले सचिन पायलट रवाना हो गए। जो एक चर्चा का विषय बन गया।

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Barmer News : लोकसभा चुनाव 2024 के बीच बाड़मेर में बुधवार को आयोजित कांग्रेस प्रत्याशी उम्मेदाराम बेनीवाल की नामांकन सभा में पूर्व सीएम अशोक गहलोत के आने से ऐन पहले सचिन पायलट रवाना हो गए जो एक चर्चा का विषय बन गया। नामांकन सभा के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि देश के हालात चिंताजनक है। बेरोजगारी और महंगाई लगातार बढ़ रही है। बाड़मेर के आदर्श स्टेडियम में बुधवार को आयोजित कांग्रेस प्रत्याशी उम्मेदाराम बेनीवाल की नामांकन सभा को संबोधित करते हुए गहलोत ने कहा कि गरीब-अमीर के बीच की खाई बढ़ रही है। इससे पूर्व कांग्रेस नेता सचिन पायलट कांग्रेस प्रत्याशी उम्मेदाराम के नामांकन के दौरान साथ रहे। लेकिन पूर्व सीएम गहलोत के बाड़मेर पहुंचने से पहले ही वे यहां से रवाना हो गए। जो चर्चा का विषय रहा। सभा में प्रदेशाध्यक्ष गोविंदसिंह डोटासरा ने पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत का भाषण खत्म के बाद डोटसरा ने मंच पर डांस किया।

बता दें आपको कि पूर्व सीएम अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत लोकसभा चुनाव 2024 में जालोर लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में खड़े हुए हैं। पायलट वैभव के चुनावी प्रचार में उनका साथ देंगे या नहीं इस पर पायलट ने टिप्पणी करते हुए कहा है कि पहले कुछ भी हुआ, लेकिन वे गहलोत के पुत्र के लिए सौ फीसदी प्रचार करेंगे। गहलोत के पुत्र वैभव जालोर लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं। लेकिन इसके बाद गहलोत के आने से ऐन पहले सचिन पायलट का नाांकन सभा से रवाना होना चर्चा का विषय बना।

2020 में सामने आए मतभेदों और गहलोत के ‘निकम्मा-नकारा’ कहने को लेकर पायलट ने कहा कि जवाब देने के लिए उन्हें उकसाया गया, लेकिन मैंने शब्दों में गरिमा रखी और आगे बढ़ने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि वे गर्व से कह सकते हैं कि उन्होंने कभी ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया जो किसी सार्वजनिक शख्सियत के लिए अशोभनीय हों, कभी ऐसी भाषा का इस्तेमाल नहीं किया जो अपमानजनक हो, क्योंकि बचपन से ही मुझमें निहित मूल्य प्रणाली ने सम्मान करना सिखाया है। परिस्थितियां कुछ भी रही हों।

पायलट ने पिछले साल दिल्ली में हुई बैठक का जिक्र करते हुए कहा कि जब वे पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व एआईसीसी प्रमुख राहुल गांधी के साथ बैठे थे। तब उन्हें माफ करने, भूलने और आगे बढ़ने के लिए कहा गया था। वैसा ही किया, यही पार्टी और राज्य के लिए समय की जरूरत थी। पायलट ने स्वयं के और गहलोत व गोविंद डोटासरा के चुनाव नहीं लड़ने को लेकर कहा कि यह निर्णय सीईसी का होता है। इस चुनाव में कांग्रेस अच्छा प्रदर्शन करेगी और उम्मीद है कि इंडिया गठबंधन के साझेदारों को सरकार बनाने के लिए बहुमत मिलेगा।

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