बाड़मेर

Barmer: शहीद डालूराम डूडी को तिरंगे में लिपटा देख पत्नी-बेटा और बेटी हुए बेसुध, गांव में घर बनाने का सपना रह गया अधूरा

Martyr Daluram: सेना के जवानों ने हवा में फायरिंग कर अंतिम सलामी दी। शहीद के बेटे दिलीप सिंह ने मुखाग्नि दी।

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Jul 10, 2025
विलाप करती महिला का संभालते हुए। फोटो: पत्रिका

बालोतरा। गांव पणानियो का तला होडू निवासी शहीद डालूराम डूडी का बुधवार को उनके पैतृक गांव में सैन्य सम्मान से अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम यात्रा में क्षेत्र भर से बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, ग्रामीण, छात्र शामिल हुए। उन्होंने शहीद को भावभीनी श्रद्धांजलि दी।

सोमवार को सेना के सर्च अभियान के दौरान एक कुएं में गिरने के बीएसएफ के हेड कॉन्सटेबल डालूराम डूडी के सिर पर गंभीर चोट आई थी। उपचार दौरान उसने अंतिम सांस ली। मंगलवार को फिरोजपुर पंजाब से शहीद का रवाना हुई पार्थिक देह बुधवार को उसके गांव के निवास पर पहुंची। इसे देख बेटी, पत्नी, पुत्र बेसुध हो गए।

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बीएसएफ के डीआईजी राजकुमार बसाटा, कंमाडेंट अरुणसिंह गंगवार , डिप्टी कंमाडेंट अरुण शर्मा, उप निरीक्षक दलजीतसिंह, थार के वीर के संयोजक रघुवीरसिंह तामलोर ने परिजनों को ढांढ़स बंधवाया। अंतिम यात्रा में ग्रामीण, छात्र, हाथों में तिरंगा लेकर शामिल हुए।

बेटे ने पिता को दी मुखाग्नि

शहीद अमर रह के नारे लगाते हुए श्मशान घाट स्थल पहुंचे। सेना के जवानों ने हवा में फायरिंग कर अंतिम सलामी दी। शहीद के बेटे दिलीप सिंह ने मुखाग्नि दी। इसके बाद अंतिम संस्कार किया। ग्रामीणों ने गांव के स्कूल का नामकरण शहीद के नाम करने, स्मारक बनाने की मांग की।

डयूटी पर लौटे थे

15 मई को साले के देहांत शोकसभा में शामिल होने के लिए डालूराम डूडी घर आए थे। 21 मई को वापस ड्यूटी पर लौटे। फिरोजपुर में तैनातगी के दौरान ममदोट स्थित गांव जल्लोके के खेत में पाकिस्तानी ड्रोन से हेरोइन की खेप पहुंचने की जानकारी पर सर्च ऑपरेशन के लिए वहां गए। खेत में खड़ी फसल पर कुआं नहीं दिखाई देने व इसमें गिरने से उसकी मौत हुई।

दी श्रद्धांजलि

हमीर सिंह भायल विधायक, डॉ. गुंजन सोनी एडीएम, जगदीश आशिया एसडीएम, शिव नारायण चौधरी डिप्टी एसपी, तहसीलदार ओम अमृत, थाना अधिकारी देव किशन, देवाराम सेवर होडू, गोमाराम लेघा , आईदान राम सेवर, पवन कुमार सेवर, भाजपा मंडल अध्यक्ष पवन लक्षकार , जुझाराम मईया सैकड़ों ग्रामीणों ने शहीद को श्रद्धासुमन अर्पित किए।

गांव में घर बनाने का सपना नहीं हुआ पूरा

शहीद के पिता का दो साल पहले निधन हुआ था। उसके एक पुत्र तिलोक की 10 वर्ष पहले सडक दुर्घटना में मौत हुई थी। शहीद की मां बुजुर्ग हैं। शहीद का बेटा दिलीप सिंह, बेटी सरोज दोनों शादीशुदा हैं। शहीद का परिवार बाड़मेर में निवास करता है। शहीद के चाचा ने बताया कि डालूराम गांव में नया घर बनाने को लेकर विचार कर रहे थे। लेकिन हादसे में हुई मौत पर सपना पूरा नहीं हो पाया।

बंद मार्ग, परेशान हुए ग्रामीण

ग्रामीणों ने बताया कि गांव के विद्यालय से श्मशान घाट तक जाने के लिए सरकारी रास्ता कटाण मार्ग है। लेकिन कुछ जनों ने इसे बंद कर रखा है। प्रबुद्ध ग्रामीणों ने रास्ता बंद वाले लोगों से समझाइश की। इस पर इन्होंने व्यवस्था के लिए मार्ग खोला। ग्रामीणों ने बताया कि इससे बंद मार्ग पर छात्रों को हर दिन परेशानी उठानी पड़ती है।

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