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मेह मेहरबान, खेतों में चले हल, किसानों के चेहरों पर खुशी

- लम्बे इंतजार के बाद जिले में अच्छी बारिश - बरखा होने से अब खरीफ की बुवाई पकडऩे लगी जोर  

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मेह मेहरबान, खेतों में चले हल, किसानों के चेहरों पर खुशी

मेह मेहरबान, खेतों में चले हल, किसानों के चेहरों पर खुशी

बाड़मेर. जिले में मानसून की सक्रियता के लम्बे इंतजार के बाद आखिरकार इन्द्रदेव मेहरबान हुए। सोमवार शाम व मंगलवार अलसुबह बारिश होने के साथ ही किसानों के चेहरे खिल उठे हैं। खेतों में हल चलने लगे है। आगामी कुछ दिनों में गांव-गांव बुवाई होने से करीब १९ लाख हैक्टेयर में खरीफ की बुवाई होने की उम्मीद है। किसानों की पहली पसंद बाजरा है जो लगभग नौ लाख हैक्टेयर में बोया जाएगा। वहीं, चार लाख हैक्टेयर में ग्वार, साढे तीन लाख हैक्टेयर में मोठ की बुवाई होने की उम्मीद है। जिले में अधिकांश लोगों की आय का स्रोत कृषि है, विशेषकर बारिश आधारित खेती होती है। एेसे में किसान बारिश का इंतजार करते हैं। इस वर्ष भी मई-जून से बारिश का इंतजार हो रहा था, लेकिन मानसून सक्रिय नहीं हुआ। सात दिन पहले मानसून पहुंचा लेकिन बारिश नहीं हुई।

किसान बारिश का इंतजार रह थे,सोमवार को आखिरकार जिले में मेह मेहरबान हुआ तो अच्छी बारिश हुई। मंगलवार अल सुबह भी बारिश का तेज दौर चला। लगातार दो बारिश होने के बाद किसानों के चेहरे खिल गए और बुवाई का दौर हाथोंहाथ शुरू हो गया।

19 लाख हैक्टेयर बुवाई का लक्ष्य- जिले में इस बार करीब उन्नीस लाख हैक्टेयर में खरीफ की बुवाई का लक्ष्य निर्धारित है। इसमें सर्वाधिक 9 लाख हैक्टेयर बाजरा की बुवाई होगी तो चार लाख हैक्टेयर में ग्वार। साढ़े तीन लाख हैक्टेयर में मोठ बोया जाएगा तो एक लाख हैक्टेयर में मूंग की बुवाई होनी है। इसके अलावा तिल,अरण्डी, ज्वार, मूंगफली आदि की भी बुवाई होगी।


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