मातृभाषा संवाद ही नहीं सस्कृति और संस्कारों की संवाहिका
- अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर कार्यक्रम

बाड़मेर. मातृभाषा मात्र संवाद ही नहीं संस्कृति और संस्कारों की संवाहिका है। मातृभाषा से मनुष्य ज्ञान को आत्मसात करता है, नवीन सृष्टि का सृजन करता है। उक्त विचार एमबीसी राजकीय कन्या महाविद्यालय, बाड़मेर में प्राचार्य डॉ. हुकमाराम सुथार ने राष्ट्रीय सेवा योजना की ओर से अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किए।
उन्होंने बताया कि मातृभाषा किसी भी व्यक्ति की सामाजिक एवं भाषाई पहचान होती है। मातृभाषा के प्रति अनुराग और समृद्धि ने राष्ट्र के सम्मान को अभिवृद्ध किया है। प्रो. गणेश कुमार ने कहा कि मातृभाषा को सीखना सरला होता है क्योंकि बच्चा उस भाषा के साथ सांस लेता है और जीता है।
वह उसकी अपनी भाषा होती है और उस भाषा को व्यवहार में लाना उसका मानव अधिकार है। राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी गायत्री तंवर ने बताया कि इस अवसर पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें प्रथम स्थान जयश्री छंगाणी, द्वितीय स्थान ऐश्वर्या खत्री एवं तृतीय स्थान संतोष कंवर ने प्राप्त किया। प्रो. गणेश कुमार, प्रो. सरिता लीलड़ तथा प्रो. गणपत सिंह ने निर्णायक की भूमिका निभाई। प्रो मुकेश पचौरी, प्रो मांगीलाल जैन, हरीश खत्री, लक्ष्मण सिंह सारण व मोहन सिंह आदि उपस्थित रहे।
जनजागरूकता की अपील
बाड़मेर. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत समस्त ब्लॉक हेल्थ सुपरवाइजर एवं पीएचसी हेल्थ सुपरवाइजर की समीक्षा बैठक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.बी.एल. बिश्नोई की अध्यक्षता में हुई। डॉ.बिश्नोई ने गर्भवती महिला का पंजीयन, टीकाकरण, संस्थागत प्रसव, परिवार कल्याण, प्रसव के बाद मां एवं बच्चे की देखभाल करने, राष्ट्रीय कार्यक्रम की जानकारी दी। अतिरिक्त सीएमएचओ प.क. डॉ. सताराम भाकर ने परिवार कल्याण कार्यक्रम में आशाओं को आमजन को नसबंदी के लिए प्रेरित करने के निर्देश दिए। जिला आशा समन्वयक राकेश भाटी ने पीपीटी के माध्यम से आशा कार्यक्रम की समीक्षा की।
भाटी ने बताया कि जिले में बच्चो को कुपोषण से मुक्ति दिलाने के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की और निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। आशा सहयोगिनियां छह माह से पांच वर्ष तक के सभी बच्चों की घर-घर जाकर जांच करेगी। कुपोषित बच्चों को इलाज के लिए रैफर किया जाएगा।
अब पाइए अपने शहर ( Barmer News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज