
Narmada canal broken in Gujarat, farmers' hope in state
गणपत विश्नोई
धोरीमन्ना (बाड़मेर ). गुजरात में नर्मदा नहर टूटने से प्रदेश के बाड़मेर जिले के गुड़ामालनी व धोरीमन्ना क्षेत्र के किसानों की आस टूटने लगी है। प्रदेश को नर्मदा से 1750 की बजाय 1200 क्यूसेक पानी ही मिल रहा है।
इससे जिले के सिंचित क्षेत्र व अंतिम छोर के लगभग दो दर्जन गांवों के किसानों को सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल रहा है और वे मायूस हैं। किसानों का कहना है कि रबी सीजन में महंगी खड़ाई कर लाखों का बीज बोया किंतु विभाग अनदेखी कर रहा है।
जब खेत तैयार नहीं थे तब नहर में पानी खूब था लेकिन जब खेत तैयार किए तो पानी बंद हो गया जो किसानों के साथ अन्याय है।
विभाग की लापरवाही किसानों पर भारी
नर्मदा नहर के अधिकारियों की लापरवाही किसानों पर भारी पड़ रही है। किसानों ने करीब एक पखवाड़ा पहले खेतों को तैयार कर बीज बो दिया। कई बार विभाग के अधिकारियों से माइनर में पानी छोडऩे की मांग की गई लेकिन अधिकारियों का एक ही रटा-रटाया जवाब मिलता है कि एक दो दिन में माइनर में पानी आ जाएगा।
इन गांवों के किसान परेशान
भीमथल पंचायत के सनावड़ा कल्ला, जूनाखेड़ा, खारूड़ी, भीमथल गांव, पाबूबेरा, डेर, शिवजी नगर, कोठाला के फड़ोदों की ढाणी, कोठाला, बोर चारणान आदि के किसानों को सिंचाई पानी नहीं मिल रहा।
क्षेत्र के करीब 1000 बीघा जमीन में किसानों ने बिजाई की है लेकिन कोठाला माइनर में पानी नहीं छोड़ रहे जिससे किसानों को लाखों का नुकसान झेलना पड़ रहा है ।
- बाबूलाल चौधरी, अध्यक्ष, कोठाला माइनर डिग्गी नम्बर 11
खेत में बिजाई को 15 से 20 दिन हो चुके हैं। अधिकारियों से बात करते हैं तो कहते हैं कल आ रहा है ,पानी परसों आ रहा है लेकिन नहर में एक बूंद पानी नहीं आया। अब हम कहां जाएं।
- पूनमाराम, अध्यक्ष, कोठाला माइनर डिग्गी नम्बर 9
गुजरात में नहर टूटने से पानी की आवक में कमी आई है। 1750 की जगह 1200 क्यूसेक पानी ही मिल पा रहा है, इसलिए बाराबंदी के अनुसार पानी मिलेगा।
जेपी माथुर, एक्सइएन, नर्बदा सिंचाई परियोजना
Published on:
30 Nov 2019 05:51 pm
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