राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के एक बड़े चेहरे की ज्वाइनिंग करवाने को लेकर गुरुवार को कांग्रेस के कद्दावर नेता व बायतु विधायक हरीश चौधरी ने प्रयास प्रारंभ किए। हेमाराम चौधरी से उनकी मुलाकात का दौर भी देर रात हुआ है। संकेत दिए जा रहे है कि लोकसभा चुनावों से पहले कांग्रेस-रालोपा एक होकर चुनाव लड़ने की तैयारी में है।
बायतु में दो बार से रालोपा ने कांग्रेस को कड़ी टक्कर दी है। रालोपा प्रत्याशी रहे उम्मेदाराम बेनीवाल दूसरे नंबर पर रहे है। इधर शिव में भी 2018 में रालोपा के प्रत्याशी रहे उदाराम मेघवाल ने पहले चुनावों में 50 हजार के करीब वोट लिए थे।
भाजपा में भी अब नए समीकरण को लेकर प्रेशर पॉलिटिक्स शुरू हुई है। शिव के विधायक रविन्द्रसिंह भाटी ने अपनी देवदर्शन यात्रा शुरू कर यह संकेत दे दिया है कि वे लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। रविन्द्र को शिव से निर्दलीय चुनाव जीतने के बाद में भी भाजपा में शामिल नहीं किया गया है। अब भाजपा के लिए भी यह प्रेशर पॉलिटिक्स का दौर शुरू हुआ है। इधर, भाजपा प्रत्याशी कैलाश चौधरी की अनबन बाड़मेर में निर्दलीय प्रत्याशी प्रियंका चौधरी के टिकट कटने पर हुई थी। प्रियंका को भी भाजपा में शामिल नहीं किया है।
मानवेन्द्र सिंह ने सिवाना से कांग्रेस से चुनाव लड़ा और हार गए। मुख्यमंत्री का चेहरा बदला गया तो मानवेन्द्र ने भाजपा में आने के संकेत दे दिए। इस दौरान मानवेन्द्र की पत्नी चित्रासिंह के निधन बाद यह चर्चाएं एक बार थम गई थीं। अब मानवेन्द्र भाजपा में शामिल होने के कई बार संकेत दे चुके हैं।