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पूजा-अर्चना करते ही बारिश शुरू, इसलिए है झंडू बाबा के प्रति आस्था

बारिश होते ही किसानों के चेहरों पर प्रसन्नता और संतोष की लहर दौड़ गई। भक्तगण बारिश में भीगते हुए भजन-कीर्तन करते रहे और खुशी से झूमते नजर आए। वयोवृद्ध गोविंदसिंह सोढ़ा ने बताया कि यह परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। इस वर्ष श्रावण के पहले सोमवार को वर्षा से अच्छे सुकाल की उम्मीद जगी है

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बारिश के साथ घर लौटने से किसानों के मन की मुराद पूरी

सीमावर्ती क्षेत्र में लंबे समय से बारिश नहीं होने के कारण चिंतित ग्रामीण किसान सोमवार को श्रावण मास के पहले सोमवार के अवसर पर झंडू बाबा की समाधि पहुंचे और वर्षा की कामना की।

इस अवसर पर परंपरागत भजन-कीर्तन किए गए तथा दरिया देग (प्रसाद) बनाकर सामूहिक रूप से ग्रहण करने की सदियों पुरानी परंपरा निभाई गई। सोमवार को सैकड़ों श्रद्धालु झंडू बाबा की समाधि स्थल पर एकत्र हुए और पूजा-अर्चना, प्रार्थना एवं भजन-कीर्तन कर मेघराजा से कृपा बरसाने की विनती की। ग्रामीणों के अनुसार आरती के ठीक बाद प्रसाद वितरण शुरू हुआ और उसी समय कस्बे में बारिश का दौर भी शुरू हो गया।

इनकी रही मौजूदगी

गोविंदसिंह सोढ़ा, गणेश भारती गोस्वामी, गंगभारती गोस्वामी, किसान नेता गोविंदराम चौहान, मोहनलाल सुथार, उत्तम चौधरी, छगनलाल दर्जी, ऊकाराम, बाबूलाल, जामाराम, तगाराम, भगवान भारती, लक्ष्मण राम, लूणाराम सहित कई ग्रामीण किसान उपस्थित रहे।