इकलौते बेटे को किडनी देने को तैयार, ट्रांसप्लांट के लिए पैसे का कैसे हो इंतजाम
बाड़मेरPublished: Feb 23, 2021 10:26:12 am
-पिता ने कहा मेरी किडनी लगा दो, ट्रांसप्लांट का खर्च परिवार के बस की नहीं बात-31 साल का युवक जिंदगी से लड़ रहा जंग
इकलौते बेटे को किडनी देने को तैयार, ट्रांसप्लांट के लिए पैसे का कैसे हो इंतजाम
बाड़मेर. बाड़मेर जिले के माडपुरा बरवाला का 31 साल का युवक अहमदाबाद में जिंदगी की जंग लड़ रहा है। एक के बाद दूसरी किडनी भी खराब हो गई। डायलिसिस के सहारे अभी चल रहा है, वहीं चिकित्सकों ने किडनी ट्रांसप्लांट की सलाह दी। इकलौते पुत्र का जीवन बचाने के लिए बुजुर्ग पिता अपनी किडनी देने को तैयार है। लेकिन ट्रांसप्लांट का लाखों रुपए का खर्च सुनते ही परिवार की चिंता बढ़ गई है। क्योंकि कमाने वाला बेटा ही बिस्तर पर है और पिता की अब उम्र हो गई है। ऐसे में ट्रांसप्लांट के लिए लाखों रुपए का इंतजाम करना उनके बस में नहीं है।
माडपुरा बरवाला के सियागों की ढाणी के रहने वाले हनुमानराम के पुत्र श्रवण कुमार को करीब 8 महीने पहले जांच में पता चला कि किडनी की बीमारी है। एक के बाद दूसरी किडनी भी चिकित्सकों ने खराब बताई तो परिजनों की चिंता बढ़ गई। उपचार के लिए अहमदाबाद में भर्ती करवाया। जहां पर अब डायलिसिस का खर्च भी परिवार के लिए भारी पड़ रहा है। गत दिसम्बर से वह अहमदाबाद में भर्ती चल रहा है।
ट्रांसप्लांट के लिए हो चुके हैं टेस्ट
इकलौते पुत्र की जान बचाने के लिए पिता किडनी देने को तैयार हुए तो उनके टेस्ट आदि करवा दिए गए हैं। अब ट्रांसप्लांट के खर्च को लेकर पिता को चिंता खाए जा रही है। जो कुछ पैसा था जो श्रवण के उपचार में लगा दिया। अब बेटे की जिंदगी बचाने के लिए पिता जी जान से जुटा हुआ है। लेकिन बात जब खर्च की आती है तो खुद को असहाय महसूस कर रहे हैं।
लाखों का खर्च बस का नहीं
31 साल के युवक का जीवन बचाने के लिए आर्थिक मदद की दरकार है। पिता बताते हैं कि श्रवण ही कमाने वाला परिवार का एकमात्र सदस्य है, उसके दो बच्चे भी हैं। वह अब खुद बीमार है तो परिवार का गुजारा तो जैसे-तैसे कर रहे हैं। लेकिन उपचार के लिए लाखों का खर्च बस का नहीं है। बेटे का जीवन बचाने के लिए किडनी तो दे दूंगा, लेकिन ट्रांसप्लांट का खर्च सुनकर ही रातों की नींद उड़ गई है। बेटे के उपचार के लिए कहीं से सहायता की उम्मीद में पिता उसका जीवन बचाने में जुटा है।
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किडनी की बीमारी से पीडि़त युवक श्रवण। 163
युवक श्रवण के पिता हनुमानराम। 162