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आरओ प्लांट बनाया, जलापूर्ति शुरू नहीं, लोग पी रहे खारा पानी

- कच्ची बस्ती के सौ परिवार पेयजल संकट के चलते परेशान

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आरओ प्लांट बनाया, जलापूर्ति शुरू नहीं, लोग पी रहे  खारा पानी

आरओ प्लांट बनाया, जलापूर्ति शुरू नहीं, लोग पी रहे खारा पानी

धोलानाडा. धोलानाडा ग्राम पंचायत मुख्यालय पर कच्ची बस्ती में करीब सौ घरों की आबादी को पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है। यहां कहने को तो आरओ प्लांट लगा हुआ है, लेकिन संचालित नहीं हो रहा, जिस पर बस्ती के बाशिंदे मीठे पानी की व्यवस्था पानी के टैंकर डलवा कर रहे हैं। गौरतलब है कि ग्रामीणों की मांग पर केयर्न वेदांता ने एक साल पहले आरओ प्लांट तैयार करवाया था, लेकिन इसमें पानी की आपूर्ति शुरू नहीं होने के कारण धूल फांक रहा है। प्लांट की सुरक्षा को लेकर कोई जिम्मेदार नहीं लगाने से समाजकंटक तोडफ़ोड़ भी कर रहे हैं। इसको लेकर ग्रामीणों ने केयर्न एवं जलदाय विभाग के अधिकारियों को अवगत करा दिया, लेकिन जलापूर्ति आरम्भ नहीं हुई है।
लोगों की जुबानी-

आरओ प्लांट शुरू नहीं होने पर पेयजल संकट की स्थिति है। विद्यार्थियों को खारा पानी पीना पड़ रहा है।-
चुन्नीलाल बेनीवाल, व्यापारी

जलदाय विभाग व वेदांता कम्पनी के अधिकारियों को इस प्लांट में पानी की आपूर्ति शुरू करवानी चाहिए, जिससे लोगों को मीठा पानी नसीब हो सके।

राणाराम डोगियाल, ग्रामीण
कम्पनी का जिम्मा- आरओ प्लांट केयर्न वेदांता ने बनाया है तो शुरू करने की जिम्मेदारी उनकी है।- रमेशकुमार, सहायक अभियंता जलदाय विभाग गुड़ामालानी।

कोर्ट, कचहरी, कलक्टर, मंत्री और कहां जाएं पानी के लिए?

- ग्रामीणों ने कहा, अवैध कनेक्शन काटो

- अधिकारी बोले- कहां है बताओ, काट देंगे

बाड़मेर पत्रिका.

करीब 100 घर की बस्ती के लोग पानी के लिए कोर्ट-कचहरी-कलक्टर तक पानी के लिए करीब दो साल से चक्कर काट रहे है लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ। उच्च न्यायालय के आदेश की प्रति लेकर राजस्व गांव के लोग बार-बार कलक्टर व पीएचइडी के अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं। यहां तक कि जिले के प्रभारी और जलदाय मंत्री तक अपनी बात बताने के बाद अब इनका सवाल है कि अब कहां जाएं?
सिणधरी के निकट करना गांव का राजस्व गांव है गिरली चारणान। गांव मंे दो टांके बने हुए है। ग्राम पंचायत करणा से यहां आपूर्ति होती है। करीब दो साल पहले आपूर्ति बंद हो गई। सरकारी आपूर्ति होने पर पानी मुफ्त में मिल रहा था लेकिन जैसे ही पानी बंद हुआ, अब प्रति टैंकर 800 से 1000 रुपए लगने लगे हैं। ग्रामीणों के लिए पानी की यह कीमत अदा करना मुश्किल हो गया तो उन्होंने इसके लिए पीएचइडी के हैल्पर से बात की।


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