छठे राज्य वित्त आयोग का जब तक गठन नहीं हो तब तक पांच सौ करोड़ का विशेष पैकेज घोषित किया जाए। ज्ञापन में बताया कि ग्राम पंचायतों को राशि नहीं दी गई तो आगे सरपंच संघ आंदोलन की राह पकड़ेगा।
मूलाराम गुडीसर ने बताया की राज्य सरकार की ओर से ७३वें संविधान संशोधन कीअवहेलना करके प्रदेश की पंचायतीराज संस्थाओं को प्रशासनिक व आर्थिक रूप से विकलाग बनाया जा रहा है। दलपत सिंह विशाला ने बताया कि प्रत्येक पांचवें वर्ष की समाप्ति पर वित्त आयोग गठन करना होता है जो पंचायतों की वित्तीय स्थिति का पुनविर्लोकन करता है, लेकिन अभी तक उसका गठन नहीं हुआ है। नवातला सरपंच अशरफ़ ने बताया कि ग्राम पंचायतों के पांच वर्ष के कार्यकाल के पूर्व निर्वाचन प्रक्रिया को सम्पादन करने की राज्य सरकार पर बाध्यता लागू की गई है, जिसका राज्य सरकार उल्लंघन कर पंचायतीराज संस्थाओं पर प्रशासकों की नियुक्ति कर रही है।
मूलाराम गुडीसर ने बताया की राज्य सरकार की ओर से ७३वें संविधान संशोधन कीअवहेलना करके प्रदेश की पंचायतीराज संस्थाओं को प्रशासनिक व आर्थिक रूप से विकलाग बनाया जा रहा है। दलपत सिंह विशाला ने बताया कि प्रत्येक पांचवें वर्ष की समाप्ति पर वित्त आयोग गठन करना होता है जो पंचायतों की वित्तीय स्थिति का पुनविर्लोकन करता है, लेकिन अभी तक उसका गठन नहीं हुआ है। नवातला सरपंच अशरफ़ ने बताया कि ग्राम पंचायतों के पांच वर्ष के कार्यकाल के पूर्व निर्वाचन प्रक्रिया को सम्पादन करने की राज्य सरकार पर बाध्यता लागू की गई है, जिसका राज्य सरकार उल्लंघन कर पंचायतीराज संस्थाओं पर प्रशासकों की नियुक्ति कर रही है।
अलसाराम कुमावत,गोरधन सिंह खबड़ाला, श्याम सिंह बंधड़ा, अयूब खान, हमीर सिंह केलनोर, यासीन कासमी, बाबूखान,महेन्द्र सियोल, आइदान सेंवर, जसराज धतरवाल, रमेश मेघवाल, नवाब खान गागरिया, मखनाराम मेघवाल, बाबूलाल, उम्मेदाराम चौधरी, शिवप्रताप सिंह चौहटन, कैलाशदान झनकली, राजू सिंह भुक़ा आदि मौजूद रहे।