scriptप्रधानी का अलग ताव, अब तक कांग्रेस का गढ़ | Separation of Pradhani in Dhorimanna, Congress stronghold so far | Patrika News

प्रधानी का अलग ताव, अब तक कांग्रेस का गढ़

locationबाड़मेरPublished: Oct 27, 2020 12:29:47 pm

Submitted by:

Ratan Singh Dave

बल्र्ब- पंचायती राज चुनाव में जिला परिषद और पंचायत समितियों के चुनाव का बिगुल बज गया है। डेढ़ और ढाई पंचायत के चुनाव माने जाने वाले इन चुनावों में जिला प्रमुख और प्रधान पद को लेकर हौड़ सबसे महत्वपूर्ण है। डोढ़ी-दूनी पंचायती इसलिए भी है विधायक के बाद महत्वपूर्ण पद प्रधान का है तो इधर जिला ्रप्रमुख का पद भी अहमियत रखता है। बड़े-बड़े नेता इसके लिए किस्मत आजमाने में लग गए है। पत्रिका ग्राउण्ड रिपोर्ट धोरीमन्ना पंचायत समिति

प्रधानी का अलग ताव, अब तक कांग्रेस का गढ़

प्रधानी का अलग ताव, अब तक कांग्रेस का गढ़


धोरीमन्ना पत्रिका.
गुड़ामालानी विधानसभा की धोरीमन्ना पंचायत समिति राजनीति का गढ़ है। यहां विधायकी की तरह प्रधानी भी दमखम रखती है। प्रधानी पर दो परिवारों का दबदबा करीब दो दशक है। कांगे्रस यहां इतनी मजबूत है कि नौ बार हुए चुनावों में एक बार भाजपा का खाता तब खुला जब कांगे्रस के प्रत्याशी को तोड़कर टिकट दिया गया। इस बार राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी भी मैदान में उतरने से मुकाबला रोचक है। महिला सीट है लेकिन बड़ी महिला लीडर का नाम सामने नहीं आया है।
इतिहास का झरोखा
सन 1962 में गुडामालानी से पंचायत समिति को धोरीमन्ना स्थानांतरित किया गया, गंगाराम चौधरी पहले प्रधान बने। आदूराम चौधरी 9 फरवरी 1965 से 8 अगस्त 1977 तक प्रधान रहे,इनका सबसे लंबा कार्यकाल लगातार 13 वर्ष तक रहा। 1982 को मगाराम चौधरी ,1988 में गंगाराम चौधरी, 1995 में वर्षा विश्नोई,2000 में ताजाराम चौधरी , 2005 में मंगलाराम तेतरवाल , 2010 में पन्नी देवी चौधरी व 2015 में पुन: ताजाराम चौधरी प्रधान बने।
9 बार में एक बार जीती बीजेपी
धोरीमन्ना पंचायत समिति बनने के बाद प्रधान सीट के लिए 9 बार चुनाव हुए उसमें मात्र एक बार ही बीजेपी ने मंगलाराम तेतरवाल को बीजेपी से टिकट देकर प्रत्याशी बनाया और एक बार ही बीजेपी का खाता खुलवाया । उसके बाद लगातार दो बार कांग्रेस के ताजाराम चौधरी के परिवार से प्रधान की सीट पर कब्जा रहा.
इस बार जातीय समीकरण साधने की कोशिश
कांग्रेस और बीजेपी दोनों इस बार चुनाव में जातीय समीकरण साधने की कोशिश कर रही है तो वही आरएलपी दोनों पार्टी ज़े के लिए सिरदर्द बनी हुई है वर्तमान में धोरीमन्ना पंचायत समिति का बोर्ड कांग्रेसका बना हुआ है और प्रधान ताजा राम चौधरी कांग्रेस पार्टी से पिछले चुनाव में एकतरफा मुकाबले से जीते। इस बार भी कांग्रेस से दावेदारी कर रहे हैं ।
महिला सीट लेकिन कोई बड़ी लीडर प्रत्याशी नहीं
धोरीमन्ना पंचायत समिति से प्रधान के लिए इस बार सामान्य महिला की सीट आई है लेकिन कांग्रेस पर बीजेपी के अलावा आरएलपी के पास भी कोई बड़ी महिला लीडर प्रत्याशी नजर नहीं आ रही है जिसके लिए लोगों द्वारा अलग-अलग कयास लगाए जा रहे हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो