8 साल में जोड़े 5 हजार कनेक्शन, अब 21 हजार कनेक्शन के लिए 150 करोड़ की जरुरत
- करोड़ो खर्च करने के बावजूद भी सुचारू नहीं हुआ सीवरेज प्लान, वर्ष-2014 में होना था पूरा काम

भवानीसिंह राठौड़@बाड़मेर
शहर में सीवरेज सिस्टम के लिए करीब बीस किलोमीटर पाइन लाइन बिछाकर उन्नीस करोड़ रुपए खर्च करने के बावजूद सिस्टम अधरझूल है। यहां सीवरेज सिस्टम को लेकर पूरी तरह प्रोजेक्ट फैल नजर आ रहा है। इतना ही नहीं 2014 में पूरा होने वाला कार्य छह साल बाद 2020 में भी अधरझूल है।
वर्ष 2012 में जिला मुख्यालय पर सीवरेज सिस्टम शुरू करने और 2014 में इसे पूर्ण करने का प्लान था। योजना में पहले काम करने आई कंपनी ब्लैक लिस्टेड हो गई। दूसरी कंपनी ने 2014 के काम को 2016 अंत तक खींच लिया। शहर के तीन जोन में 26 हजार कनेक्शन प्रस्तावित हैं। एक जोन के कनेक्शन एक साल पहले पूर्ण नहीं और बजट खत्म हो गया।
150 करोड़ का मांगा बजट
शहर में सीवरेज सिस्टम के तहत 26 हजार कनेक्शन होने थे। करीब आठ साल में रूडीप व नगर परिषद महज 5 हजार कनेक्शन कर पाई है। अब दो जोन का कार्य शेष है। जिसमें करीब 21 हजार कनेक्शन जोडऩे है। इसके लिए रूडीप ने डीपीआर बनाकर 150 करोड़ का बजट मांगा है। सरकार की स्वीकृति मिलने पर ही काम आगे बढ़ पाएगा।
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फैक्ट फाईल
- 2012 में शुरू हुआ था सीवरेज सिस्टम का काम
- 2014 में हो पूरा होना था प्रोजेक्ट
- 19 करोड़ रुपए अब तक खर्च किए
- 26 हजार कनेक्शन पूरे शहर में प्रस्तावित
- 5100 कनेक्शन अब तक जोड़े
- 900 कनेक्शन पहले जोन में अटके
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दो जोन में होना है कार्य
शहर में सीवरेज कार्य मंथर गति से चल रहा है। नगर परिषद ने आईएचएसडीपी योजना के तहत दो प्रोजेक्ट तैयार कर वर्ष 2012 में सात करोड़ का वर्क ऑर्डर जारी किया। इसमें सीवर लाइन बिछाने के लिए दो जोन बनाए गए। कार्य 2014 में पूरा होना था। इसके बाद और कई वर्क ऑर्डर जारी हुए। लेकिन पूरे शहर में सीवरेज सिस्टम लागू करने का काम अभी तक पूरा नहीं हुआ है।
सीवरेट ट्रीटमेंट प्लांट
शहर के आठ किमी दूर स्थित कुड़ला गांव में आठ करोड़ रुपए खर्च कर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तैयार किया। कुड़ला से शहर के विवेकानंद सर्किल तक 8 किमी की सीवर लाइन भी बिछा दी गई, लेकिन प्लांट शुरू नहीं कर पाए है। ऐसी स्थिति में सीवरेज से फैल रही गंदगी ग्रामीणों के लिए मुसिबत बन गई।
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- स्वीकृति नहीं मिली है।
प्रथम जोन का काम पूरा हो गया था। द्वितीय व तृतीय जोन का कार्य शुरू करने के लिए डीपीआर बनाकर सरकार को भेजी है। 21 हजार कनेक्शन होने शेष है। बजट व स्वीकृति मिलने पर काम शुरू होगा। सुनिल कुमार, अधिशाषी अभियंता, रूडिप
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