
border पश्चिमी बॉर्डर के खेतों में अब उपजेगा सुपर भगवा
बाड़मेर.
पश्चिमी सीमा के बॉर्डर पर बसे बाड़मेर के अनार की खेती करने वाले किसानों के खेतों में भगवा अनार की सफलता के बाद अब सुपर भगवा का उत्पाद होगा। राज्य में सर्वाधिक अनार उत्पादन वाला जिला अब महाराष्ट्र के नासिक की तरह अनार का बड़ा केन्द्र बनता जा रहा है। अभी 80 हजार हैक्टेयर ेंमें भगवा अनार का उत्पादन हो रहा है।
रेगिस्तान में अनार की खेती की सफलता की शुरूआत भगवा यानि सिंदूरी अनार से हुई और यह अब 80 हजार हैक्टेयर को पार कर गया। इसी अनार की उम्दा किस्म सुपर भगवा अब 50 हैक्टेयर में बुवाई कर शुरूआत हो चुकी है। सुपर भगवान की कीमत किसान को 180 रुपए प्रतिकिलोग्राम तक मिल जाएगी जो भगवा की अधिकतम 100 रुपए से अधिक है।
निर्यात को तैयार
मलेशिया, चीन, श्रीलंका, नेपाल और अरब देशों में अनार की सुपर भगवा किस्म को बेहद पसंद किया जाता है। इसका दाना बड़ा और सुर्खलाल होने के साथ ही स्वाद में भी यह बेहतर है। इस अनार का आकार भी बड़ा व ज्यादा सिंदूरी होना खासियत है।
किसानों की आय कई गुणा
थार के रेगिस्तान में जहां किसान अब तक जीरा, अरण्डी और रायड़े की फसलें ले रहे थे उन्होंने अनार की ओर रुख किया तो किसानों की आय दुगुनी हुई है लेकिन अब अनार की ही यह नई किस्म किसानों की आय को और बढ़ाएगी। किसानों के लिए अनार की खेती यहां रास आने लगी है।
अनार प्रसंस्करण लगेगा
अनार प्रसंस्करण को लेकर निजी कंपनियां तैयार हुई तो अनार का बढ़ता क्षेत्रफल अब बाड़मेर में भी प्रसंस्करण लगाकर यहां पर अनार का ज्यूस तैयार करने व अन्य उत्पाद के लिए भी धरातल बना रहा है।
यह है स्थिति
18000- हैक्टेयर राज्य में
8000-हैक्टेयर बाड़मेर में
जालौर, सिरेाही, जैसलमेर, जोधपुर, भीलवाड़ा और सीकर में हो रही है अनार की पैदावार।
किसानों को फायदा
अनार की खेती रेगिस्तानी किसानों की पसंदीदा बन रही है और अब आने वाले समय में सुपर भगवा अनार आया तो फिर यहां पर किसानों की आय दुगुनी होने से कोई नहीं रोक सकता है।- डा. प्रदीप पगारिया, कृषि वैज्ञानिक
Published on:
06 Apr 2022 11:53 am
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