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प्रसूताओं से टीबी चिकित्सालय 10 कदम दूर!

स्थिति गंभीर है:- प्रसूताओं के बरामदे को पर्दा लगा किया बंद, टीबी अस्पताल में आते हैं कई मरीज, प्रसूताओं में कई गुणा अधिक रहता है संक्रमण का खतरा

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bhawani singh

Apr 03, 2017

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राजकीय चिकित्सालय के एफबीएनसी वार्ड के बाहर बरामदे में भर्ती महिलाओं पर हमेशा संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है। यहां वैकल्पिक तौर पर संचालित हो रहा टीबी अस्पताल महज 10 कदम ही दूर है। प्रसव के समय गंभीर स्थिति में नवजात को तो एफबीएनसी वार्ड में वेंटिलेटर पर भर्ती कर दिया जाता है, लेकिन प्रसूताओं के स्वास्थ्य व व्यवस्थाओं को लेकर चिकित्सालय प्रबंधन गंभीरता से नहीं ले रहा है।

मंडराता है टीबी का खतरा

बरामदे को एक तरफ आधा बंद कर पर्दा लगाया गया है। वहीं महज 10 कदम दूर टीबी चिकित्सालय में कई टीबी के रोगी पहुंचते हैं। यहां पर टीबी की स्पुटम व सीबी नेट जैसी जांचों के लिए मरीजों के नमूने लिए जाते हैं। इससे इन महिलाओं पर हमेशा टीबी संकमण का खतरा मंडरा रहा है। प्रसव के बाद महिलाओं के संक्रमित होने की संभावना अत्यधिक रहती है। इनमें से कई महिलाएं इस समयावधि में बीमार भी हो रही हैं।

वार्ड में गंदगी का आलम

चिकित्सालय प्रबंधन इस बरामदे में बने वार्ड की सफाई को लेकर बिल्कुल ध्यान नहीं दे रहा। लिहाजा वहां गंदगी का आलम है। चारों तरफ कचरा व सामान बिखरा हुआ है। यहां कई पुरुष भी महिलाओं के बेड पर आराम फरमाते हैं।

खाद्य सामग्री का प्रयोग

प्रसूताओंं के लिए खुले में बनाए गए इस वार्ड के भीतर व चारों तरफ कई लोग खाना भी खाते हैं। सफाई नहीं होने से श्वानों का भी विचरण रहता है। खाद्य सामग्री व गंदगी के बीच इन प्रसूताओं पर हर समय संक्रमण का खतरा रहता है। यहां पर घीमी गति से चलने वाले पंखों से हर समय उमस का वातावरण बना हुआ है।

अन्य कोई व्यवस्था नहीं

बरामदे में भर्ती महिलाओं के लिए हमारे पास अन्य कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है। वार्ड के मातृ एवं शिशु चिकित्सालय में शिफ्ट करने की तैयारी कर रहे हैं।- डॉ. हरीश चौहान, प्रभारी शिशु विभाग