
राजस्थान में यहां बन सकता है पहला बंदरगाह
रतन दवे
बाड़मेर पत्रिका.
इजरायल गुजरात में मुंद्रा बंदरगाह को लालसागर के विकल्प के रूप में देखने लगा है । अब राज्य की डबल इंजिन सरकार 24 साल से फाइलों में कैद बाड़मेर के बाखासर से गुजरात के मुंद्रा तक के सूखा बंदरगाह की फाइल को आगे बढ़ाएं तो प्रदेश की आथिज़्क प्रगति का नया इकॉनोमिक कॉरीडोर बन सकता है। राज्य के महंगे और खचीलज़्े आयात के विपरीत यह सस्ता विकल्प बन सकता है।
24 साल पहले बाड़मेर के बाखासर से गुजरात के मुंद्रा तक 150 किमी कृत्रिम नहर बनाने की योजना बनी। यहां सूखा बंदरगाह विकसित कर समुद्र से आयात का नया बंदरगाह कच्छ के रण को जोड़ते हुए बनाने की सोच थी। इस योजना पर परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी दिलचस्पी ली लेकिन यह योजना अभी सिरे नहीं चढ़ी है।
उम्मीद बढ़ी
इजरायल के परिवहन मंत्री मिरी रेगवे ने एक्स पर विडियो पोस्ट की है। जिसमें मुुंद्रा के बंदरगाह से संयुक्त अरब अमीरात के बंदरगाह से इजरायल तक माल जाने से इसे लालसागर का विकल्प माना है। ऐसे दौर में जब मुंद्रा समुद्रीमागज़् वैकल्पिक बड़ा रूट बन रहा है, केवल 150 किमी बाखासर तक प्रस्तावित सूखा बंदरगाह पर कायज़् हों तो राज्य के लिए बड़ा इकॉनोमिक कॉरीडोर बन सकता है।
मदद को भी तैयार
सूखा बंदरगाह को लेकर यहां तेल-गैस पर कायज़् कर रही कंपनी केयनज़् -वेदांता के चेयरपसज़्न अनिल अग्रवाल पहले ही कह चुके है कि खचीलज़्े और महंगे आयात के विकल्प के तौर पर यह बहुत बड़ा कदम होगा। इसके लिए हम मदद करने को भी तैयार है।
आथिज़्क राजधानी बाड़मेर से इजरायल वाया -गुजरात-अरब
बाड़मेर में तेल-गैस-कोयला- खनिज पदाथज़् के अथाह भण्डार ने इसे राज्य की आथिज़्क राजधानी बना दिया है। प्रतिदिन राज्य को करीब 10 करोड़ का राजस्व तो केवल तेल से ही मिल रहा है। बाड़मेर की प्रति व्यक्ति आय भी प्रदेश में सवाज़्धिक हो गई है। राज्य की आथिज़्क तरक्की का नया दरवाजा बाड़मेर है। सूखा बंदरगाह के जरिए विकास की नई खिड़की ख्ुाले तो बाड़मेर गुजरात, अरब होते हुए सीधा इराजयल तक जुड़ सकता है। राज्य के लिए आयात-नियाज़्त का यह बड़ा केन्द्र होगा।
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Published on:
26 Feb 2024 01:13 pm
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