5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बच्चों के बिन सूना हुआ आंगन तो फूलों से खिली बगिया

आंगनबाड़ी केन्द्रों पर महक रही खुशियों की बगिया, छाई हरियाली, खिले फूल- जिले के 160 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पोषक वाटिका तैयार

2 min read
Google source verification
बच्चों के बिन सूना हुआ आंगन तो फूलों से खिली बगिया

बच्चों के बिन सूना हुआ आंगन तो फूलों से खिली बगिया


दिलीप दवे
बाड़मेर. आंगनबाड़ी केन्द्रों के आंगन भले ही बच्चों के बिना सूने हो गए लेकिन लॉकडाउन के बीच यहां खुशियों के फूल खिले हैं तो हरियाली भी छा रही है। यह सब हुआ है पोषक वाटिका के तहत। जिले में 160 आंगनबाड़ी केन्द्र एेसे हैं जहां के आंगन में हरियाली छाई हुई है तो फूलों की महक आ रही है।

सरकार ने अधिकाधिक पौधे लगा पोषण वाटिका लगाने का लक्ष्य दिया था लेकिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं ने पौधों के साथ फूलों की बेले भी लगाई जिस पर फूल खिले हैं।

आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पोषक वाटिया या न्यूट्रीगार्डन लगाने की महत्वाकांक्षी योजना जुलाई २०२० में लागू हुई। इस योजना के तहत मनरेगा योजना या अन्य माध्यम से वाटिका विकसित करनी थी। योजना को लेकर निर्देश जारी होने के बाद जिले के आंगनबाड़ी केन्द्रों पर बगिया लगाने में कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं ने रुचि ली जिस पर जिले में १६० जगह पोषक वाटिका लगी है।

इनमें अभी हरियाली छाई हुई है तो कहीं-कहीं फूल भी खिले हुए नजर आते हैं।

लॉकडाउन व अनलॉकडाउन का सदुपयोग- कोरोना के चलते लगे लॉकडाउन व इसके बाद अनलॉकडाउन लगा तो आंगनबाड़ी केन्द्र बच्चों के बिना सूने हो गए। इस दौरान हर दिन आंगनबाड़ी केन्द्र पर कार्यकर्ताएं व सहायिकाएं आईं तो उन्होंने समय का सदुपयोग करते हुए पौधों व बगीचे की सार-संभाली ली जिस पर चार माह बाद १६० केन्द्रों पर बगीचे तैयार हो चुके हैं।

ह थी पोषण वाटिका की प्राथमिकताएं- पोषण वाटिका लगाने के लिए विभागीय या सरकारी भवनों में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों को प्राथमिकता दी गई थी। इन स्थानों पर पर्याप्त पानी, स्थान व पौधों की सुरक्षा के लिए बाउंड्री होना जरूरी था। बिना चारदीवारी वाले केन्द्रों पर ग्राम पंचायत के सहयोग से चारदीवारी का निर्माण करवाना था। नंदघर वाले आंगनबाड़ी केन्द्रों पर इसको प्राथमिकता से करना था। वहीं, सितम्बर २०२० तक यह कार्य पूर्ण होना था। इन नियमों के तहत जिले के १६० आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पोषण वाटिकाएं लगाई गई। इस कार्य के लिए प्रत्येक आंगनबाड़ी केन्द्र को दस हजार रुपए की राशि आवंटित की गई।

160 न्यूट्रीगार्डन तैयार- जिले में प्रत्येक ब्लॉक में १०-१० न्यूट्रीगार्डन तैयार हुए हैं। यहां हरियाळी छाई हुई है तो कहीं फूल भी खिले हुए हैं। कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं की मेहनत से यह संभव हुआ है।- देवदत्त शर्मा, सहायक प्रशासनिक अधिकारी एवं प्रभारी न्यूट्रीगार्डन बाड़मेर

पोषवाटिकाओं के मार्फत हरियाली का संदेश- सरकार की महत्ती योजना पोषण वाटिका का उद्देश्य हरियाली का संदेश देना था। आंगनबाड़ी केन्द्र की कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं सहित स्टाफ ने मेहनत की जिस पर जिले में १६० पोषण वाटिकाएं तैयार हुई है।-प्रहलादसिंह राजपुरोहित, उप निदेशक महिला एवं बाल विकास विभाग बाड़मेर


बड़ी खबरें

View All

बाड़मेर

राजस्थान न्यूज़

ट्रेंडिंग